टोक्यो । ड्रैगन के लगातार बढ़ते हस्तक्षेप से परेशान दुनिया के बाद जापान भी उसको सबक सिखाने की तैयारी में है और वह परमाणु पनडुब्बी खरीदने पर विचार कर रहा है। जापान के प्रधानमंत्री पद के चार उम्मीदवारों में भी परमाणु पनडुब्बी को खरीदने पर राय बंटी हुई है। प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के उत्तराधिकारी बनने के लिए नूरा-कुश्ती कर रहे लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के चार नेताओं में दो ऐसे हथियार खरीदने के पक्ष में हैं, जबकि दो विरोध में। जापान के प्रधानमंत्री उम्मीदवार तारो कोनो ने कहा कि वे अपने देश के लिए परमाणु पनडुब्बी वाली योजना का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि एक क्षमता के रूप में जापान के लिए परमाणु पनडुब्बी होना बहुत महत्वपूर्ण है। तारो कोनो वर्तमान में प्रशासनिक सुधार मंत्री और वैक्सीन वितरण के प्रभारी भी हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह भी समझने की जरूरत है कि क्या इसकी परिचालन लागत हमारे लिए व्यवहारिक है कि नहीं।
दूसरी उम्मीदवार पूर्व आंतरिक मामलों की मंत्री साने ताकाची ने भी परमाणु पनडुब्बी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अगर हम सबसे खराब स्थिति के बारे में सोचते हैं तो हमें परमाणु पनडुब्बी जरूर रखनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि हमारी परमाणु पनडुब्बियां समुद्र में अधिक दूरी तक यात्रा कर सुरक्षा कर सकती हैं। उन्होंने परमाणु पनडुब्बी की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि ये पनडुब्बियां लंबे समय तक पानी के नीचे छिपी रह सकती हैं। वहीं, तीसरे उम्मीदवार और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के पूर्व नीति प्रमुख फुमियो किशिदा ने इससे उलट विचार व्यक्त किया है। उन्होंने सवाल पूछा कि जब मैं जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था के बारे में सोचता हूं, तो हमें इसकी किस हद तक आवश्यकता है? किशादा का कहना था कि जापानी नौसेना आसपास के इलाकों में ही गश्त करती है, ऐसे में उन्हें परमाणु पनडुब्बी रखने की कोई जरूरत नहीं दिखती।
चौथी उम्मीदवार और एलडीपी के कार्यकारी कार्यवाहक महासचिव सेइको नोडा ने कहा कि मेरी ऐसी क्षमता रखने का कोई इरादा नहीं है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि हम तीन नॉन न्यूक्लियर सिद्धांतों वाले देश हैं। उन्होंने जापान के लंबे समय से चले आ रहे सिद्धांत की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हम न तो परमाणु हथियार रखने, न ही उसे बनाने और उसे अपनी सीमाओं में घुसने की भी अनुमति नहीं देंगे। जापान के परमाणु ऊर्जा कानून के अनुसार, परमाणु ऊर्जा का उपयोग शांतिपूर्ण उद्देश्यों तक ही सीमित रहेगा। जापान की नौसेना यानी जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स में कर्मियों की संख्या लगातार घट रही है। नए रंगरूट पनडुब्बी में काम करना सबसे अधिक खराब मानते हैं। क्योंकि, इस दौरान वे अपने स्मॉर्टफोन का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।