बिलासपुर । पति और पत्नी शादी के बाद सिर्फ 2 दिन साथ रहने के बाद शादी के 1 साल बाद उन्होंने विवाह विच्छेद के लिए सहमति से आवेदन पेश किया था.. लेकिन कोर्ट ने इसे नामंजूर कर दिया था.. भिलाई की रहने वाली महिला की शादी फरवरी 2020 में मध्य प्रदेश के शहडोल में रहने वाले संजय सिंह से हुई थी.. शादी के बाद वह सिर्फ 2 दिन साथ रहे थे.. इसके बाद महिला अपने मायके लौट गई.. फिर दोनों कभी भी पति-पत्नी की तरह साथ में नहीं रहे.. करीब 1 साल बाद 13 मार्च 2018 को दोनों से संयुक्त रूप से सहमति के आधार पर विवाह विच्छेद की मांग की.. लेकिन कोर्ट ने इसे नामंजूर कर दिया था.. 6 माह के कूलिंग पीरियड के बाद दोनों कोर्ट में उपस्थित हुए लेकिन कोर्ट ने सहमति के आधार पर तलाक की डिक्री पारित करने से इंकार कर दिया.. इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई थी हाई कोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच में मामले की सुनवाई हुई.. इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा है कि.. हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13 बी के तहत आपसी सहमति से तलाक देने के लिए पति और पत्नी के बीच विवाद होना कोई शर्त नहीं है जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच ने कहा कि, अधिनियम, 1955 की धारा 13-बी में निहित प्रावधान आपसी सहमति से तलाक देने के लिए धारा 13 में शामिल आधार के अस्तित्व का प्रावधान नहीं करता है..
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