वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनलों के कंटेट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, बोले- ये कुछ भी चला…
By- Editor in Chief Abhishek Malviya
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र को मरकज निजामुद्दीन में एक धार्मिक सभा से संबंधित फर्जी समाचार के प्रसार को रोकने और सख्त कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई।
पीठ ने सवाल करते हुए कहा कि निजी समाचार चैनलों के एक हिस्से में दिखाई जाने वाली लगभग खबर में सांप्रदायिक रंग होता है। अंतत: इस देश की बदनामी होने वाली है। क्या आपने कभी इन निजी चैनलों को विनियमित करने का प्रयास किया। सोशल मीडिया केवल शक्तिशाली आवाजों को सुनता है और बिना किसी जवाबदेही के न्यायाधीशों, संस्थानों के खिलाफ कई चीजें लिखी जाती हैं।
पीठ ने कहा कि वेब पोर्टलों और यूट्यूब चैनलों में फेक न्यूज पर कोई नियंत्रण नहीं है। अगर आप यूट्यूब पर जाएं, तो आप पाएंगे कि कैसे फर्जी खबरें आसानी से प्रसारित होती हैं और कोई भी यूट्यूब पर एक चैनल शुरू कर सकता है
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