पंजाब  | से सुखद खबर सामने आई है।  डेल्टा वेरिएंट का कोई भी मामला नहीं मिला है। यह खुलासा 150 मरीजों की जांच में हुआ है। अभी तक नए वेरिएंट की जांच के लिए दिल्ली भेजे जाते थे सैंपल। अभी तक जीनोम सिक्वेंसिंग के परीक्षण के लिए नमूनों को दिल्ली की प्रयोगशालाओं में भेजा जाता था। इस कारण रिपोर्ट आने में 20 से 25 दिन तक लग जाते थे। अब पटियाला में कोरोना के इस नए वैरिएंट की जांच के लिए प्रयोगशाला में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नैनो पोर्ट मशीन लगाई गई है।

पटियाला में स्थापित नैनो पोर्ट मशीन में अब संदिग्ध मरीजों के नमूनों में नए वेरिएंट की जांच की जा रही है। अब तक इस मशीन से 150 मरीजों के नमूनों की जांच की गई है। राहत की बात यह है कि अभी तक कोई भी नए वेरिएंट का मामला नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है।

पटियाला की प्रयोगशाला में नैनो पोर्ट मशीन
इस नैनो पोर्ट मशीन में अब संदिग्ध मरीजों के नमूनों में नए वेरिएंट की जांच की जा रही है। अब तक इस मशीन से 150 मरीजों के नमूनों की जांच की गई है, जिसमें अभी तक कोई भी नए वेरिएंट का मामला नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता के अनुसार पटियाला की प्रयोगशाला में यह सुविधा शुरू होने के बाद काफी राहत मिली है। अब कांटैक्ट ट्रेसिंग या अन्य परीक्षण के लिए आसानी से स्वास्थ्य विभाग काम शुरू कर सकेगा। राज्य में यदि संभावित तीसरी लहर आती है तो यह सुविधा लोगों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।