चंडीगढ़ । तालिबान के अफगानिस्तान पर पूर्ण कब्जे के बाद अफगानिस्तान से अस्थाई रूप से बंद हुआ सूखे मेवों का कारोबार पंजाब अमृतसर की अटारी वाघा सीमा एकीकृत चेकपोस्ट पर फिर से शुरू हो गया है। हालांकि, आयातक घबराए हुए हैं और पूर्ण रूप से व्यापार करने के स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। 
अफगानी ड्राई पोर्ट से काफी मात्रा में सूखे मेवे त्योहारों के सीजन से पहले भारत में पहुंचने की उम्मीद है। फेडरेशन ऑफ ड्राई फ्रूट्स एंड करयाना मर्चेंट्स के अध्यक्ष अनिल मेहरा ने कहा कि अफगानिस्तान में सरकार खारिज होने के बाद 10 दिनों से अधिक समय तक बंद रहने के बाद बैंकों ने कामकाज फिर से शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सर्दियों और त्योहारों की शुरुआत के साथ सूखे मेवों की बिक्री में वृद्धि देखी जा सकती है। जिनकी बाजार में कमी हो चली थी। काबुल और कंधार में हमारे सहयोगी व्यापारियों का कहना है कि कटी हुई फसलें भारत भेजे जाने की प्रतीक्षा कर रही थीं। हालांकि भारतीय आयातक बेहद घबराए हुए हैं और स्थिति के सामान्य होने का इंतजार करते हुए पर्याप्त ऑर्डर देने से कतरा रहे हैं। 
इंडो-फॉरेन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बीके बजाज ने अफगान बाजार से आपूर्ति बंद करने के साथ दीर्घकालिक नतीजों के किसी भी डर को खारिज कर दिया है। यह कहते हुए कि भारतीय सूखे फल उद्योग में इसकी वर्तमान हिस्सेदारी सिर्फ 10 प्रतिशत है। उन्होंने कहा हाल ही में देश के उत्तरी हिस्सों में सूखे मेवों की कीमतों में बढ़ोतरी अफगानिस्तान से आपूर्ति अस्थाई रूप से बंद होने और रक्षा बंधन के कारण इसकी बढ़ी हुई मांग के कारण हुई थी। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन त्योहार के बाद सूखे मेवों की कीमतों में हुई 10 फीसदी की बढ़ोतरी में कमी आई है।