कीव  यूक्रेन और रूस के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव में कोई कमी नहीं आई है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने आगाह करते हुए रूस के साथ युद्ध की 'आशंका' जताई और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक तत्काल बैठक का आह्वान किया। रूस ने इस साल की शुरुआत में यूक्रेन की सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था। साल 2014 के बाद पूर्वी यूक्रेन में कम से कम 14,000 लोग संघर्ष में मारे जा चुके हैं। याल्टा यूरोपीय रणनीति (वाईईएस) शिखर सम्मेलन में बोलते हुए वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस के साथ युद्ध 'संभव' हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह सबसे बुरी चीज है जो हो सकती है लेकिन दुर्भाग्य से इसकी आशंका है। जेलेंस्की ने खुलासा किया कि उन्होंने पुतिन के साथ बैठक करने और दोनों देशों के बीच संघर्ष पर चर्चा करने की बहुत कोशिश की लेकिन अभी तक कोई मीटिंग संभव नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि मेरे पास इस बारे में सोचने का समय नहीं है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है, 'मुझे इस बात में ज्यादा दिलचस्पी है कि क्या हम वास्तव में महत्वपूर्ण चीजों पर चर्चा करने के उद्देश्य से मिल सकते हैं न कि ऐलान के तौर पर, जैसा कि वह कई देशों के साथ करते हैं।' उन्होंने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि वे मुद्दों को सुलझाने में समझदारी नहीं देखते हैं। वह नहीं चाहते कि युद्ध खत्म हो और संघर्ष के मुद्दों को जल्द से जल्द हल किया जा सके। रूसी सेना बेलारूस के साथ पिछले एक दशक में यूरोप के सबसे बड़े युद्धाभ्यास से जुटी हुई है। माना जा रहा है कि रूस का यह शक्ति प्रदर्शन दरअसल अमेरिका को संदेश देने की कोशिश है। युद्धाभ्यास की शुरूआत 9 सितंबर को हुई थी। 16 सितंबर तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में 200,000 सैन्यकर्मी शामिल हो रहे हैं। रूस और बेलारूस के इस मिलिट्री एक्सरसाइज के नाटो देशों के कान खड़े हो गए हैं। दरअसल, बेलारूस के साथ भी कई यूरोपीय देशों का विवाद है। इतना ही नहीं, बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको पर मानवाधिकार के हनन का भी आरोप लग चुका है।