कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) आज भबानीपुर विधानसभा (Bhabanipur Assembly Seat) सीट से अपना नामाकंन भरेंगी. यहां 30 सितंबर को उप चुनाव (West Bengal By-Polls) होने हैं. राजनीतिक गलियारों में हर किसी की निगाहें इस सीट पर टिकी हैं. मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने के लिए ममता को यहां से हर हाल में जीतना होगा. बता दें कि इस साल विधान सभा चुनाव के दौरान वो नंदीग्राम सीट पर बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं. बनर्जी को 5 नवंबर तक राज्य विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी.पार्टी के वरिष्ठ नेता सोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भबानीपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक के रूप में इस्तीफा दिया था, ताकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उपचुनाव लड़कर राज्य विधानसभा की सदस्य बनने का रास्ता साफ हो सके. चट्टोपाध्याय ने इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार और अभिनेता रुद्रनील घोष को करीब 28,000 वोटों से हराया था. बनर्जी 2011 से दो बार भबानीपुर सीट पर चुनाव जीत चुकी हैं.

ममता के खिलाफ कौन?
ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी प्रियंका टिबरेवाल को मैदान में उतार सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टिबरेवाल बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार भी रह चुकी हैं. बाबुल सुप्रियो के कहने पर ही प्रियंका टिबरेवाल ने साल 2014 में बीजेपी जॉइन की थी. भबानीपुर सीट से लेफ्ट फ्रंट ने सीपीएम के श्रीजीब बिस्वास को प्रत्याशी बनाया है. भबानीपुर के विधायक रहे सोभन देब चट्टोपाध्याय अब खरदाहा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.

कांग्रेस ने छोड़ा मैदान
भबानीपुर उपचुनाव में ममता बनर्जी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारने का वादा करने के एक दिन बाद कांग्रेस ने यू-टर्न ले लिया और कहा कि पार्टी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के खिलाफ किसी को खड़ा नहीं करेगी. राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि एआईसीसी के निर्देश के अनुसार, कांग्रेस 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले न तो बनर्जी के खिलाफ कोई उम्मीदवार उतारेगी और न ही उनके खिलाफ प्रचार करेगी.