नई दिल्ली| भूपेंद्र पटेल सोमवार को गुजरात के 17 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। भूपेंद्र आज दोपहर 2.20 बजे शपथ लेने वाले हैं। बता दें कि इसके दो दिन बाद कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह इस शपथ समारोह का हिस्सा बनने वाले हैं। वे आज दोपहर 12.30 बजे अहमदाबाद जा रहे हैं। उनके अलावा एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान भी शपथ समारोह के मौके पर मौजूद रहेंगे।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सोमवार दोपहर 2:20 बजे भूपेंद्र पटेल को गुजरात के नए गुजरात मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नए नेता भूपेंद्रभाई पटेल ने राजभवन में उनके नेतृत्व में एक नई सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए, उन्हें 13 सितंबर को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए उन्हें दोपहर 2.20 आमंत्रित किया गया है।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के सीएम के तौर पर गांधीनगर में भूपेंद्र पटेल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले हैं। अमित शाह ने रविवार को ट्वीट किया, "मेरा मानना है कि नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य का सतत विकास अपनी गति को बनाए रखेगा।"
पटेल ने रविवार को गांधीनगर के राजभवन में देवव्रत से मुलाकात की और राज्य में शीर्ष पद पर अपना दावा पेश किया और उनके साथ उनके पूर्ववर्ती विजय रूपाणी और भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था।
भूपेंद्र पटेल पाटीदार समुदाय से आते हैं और वे कदवा पाटीदार हैं। गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी राजनीति में सियासी समीकरण बनाने का प्रयास कर रही है. 2022 में गुजरात में चुनाव हैं और पटेल को सीएम बनाकर बीजेपी पाटीदारों को खुश करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि भपेंद्र वर्तमान में घटोडिया सीट से विधायक हैं।
अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रमुख रहे भूपेंद्र पटेल कार्यकाल के हिसाब से गुजरात के 22वें और चेहरे के लिहाज से 17वें मुख्यमंत्री होंगे। पेशे से बिल्डर रहे भूपेंद्र पटेल उस सरदारधाम ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं जिसके भवन का उद्घाटन अहमदाबाद में ऑनलाइन कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उसी कार्यक्रम के बाद श्री रूपाणी ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद से अधिकतर राजनीतिक प्रेक्षकों का यह मानना था कि अगला मुख्यमंत्री राज्य में दबंग माने जाने वाले पाटीदार समुदाय का होगा। आखिर में ऐसा हुआ भी।
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