लखनऊ| उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश का स्टांप विभाग 100 प्रतिशत डिजिटल हो गया है और प्रदेश में दिसंबर, 2021 तक 20 साल के रजिस्ट्री के रिकार्ड डिजिटल हो जाएंगे। यहां सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उस समय स्टांप विभाग का राजस्व 11,000 करोड़ रुपये था और इस साल अगस्त तक यह 16,000 करोड़ रुपये पहुंच गया और मार्च, 2022 तक इसके 23,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। जायसवाल ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार प्रदेश के किसी भी जिले में सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है। इस तरह से बिना सर्किल रेट बढ़ाए सरकार ने राजस्व में यह बढ़ोतरी हासिल की है। वहीं 2012 से 2017 के बीच सपा के शासनकाल में पांच साल में सर्किल रेट पांच बार बढ़ाया गया था। मंत्री ने बताया कि वर्ष 2016 की तुलना में पिछले साढ़े चार साल में छह लाख रजिस्ट्रियां अधिक हुई हैं। विभाग के डिजिटल होने से अब जो लोग मकान या जमीन खरीदना चाहते हैं, वे मोबाइल फोन पर उस मकान की मिल्कियत आदि पता कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर निबंधन शुल्क दो प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है। विभाग के पूरी तरह से डिजिटल होने से लोग निबंधन शुल्क भी ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। जायसवाल ने बताया कि सरकार हर चीज में पारदर्शिता लाने पर जोर दे रही है जिसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
दिसंबर तक 20 साल के रजिस्ट्री के रिकार्ड डिजिटल हो जाएंगे:जायसवाल
गुरुवार, सितंबर 23, 2021
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