छत्तीसगढ़ में अगले वर्ष एक और ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट की तैयारी है। "इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़नाम से इस इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन 27 जनवरी से फरवरी 2022 तक किया जाना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज गुरुवार को इसकी औपचारिक घोषणा करने वाले हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 2012 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन कराया था। इसमें हुए अधिकतर करार जमीन पर नहीं उतर पाए। इसके लिए भाजपा सरकार की अब तक आलोचना होती है।

वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अफसरों का कहना हैग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के जरिए विश्व के प्रमुख निवेशक-समुदायोंग्लोबल कंपनियोंबिजनेस लीडरोंकेंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियोंस्थानीय व्यवसायियोंव्यापारिक एवं निवेशक संगठनोंसप्लायरोंडिस्ट्रीब्यूटरोंबिजनेस इनोवेटरोंविचारकों और उद्यमियों को एक-दूसरे के नजदीक आने का अवसर मिलेगा। इस समिट के दौरान छत्तीसगढ़ में निवेश के लाभपरस्पर सहयोगपार्टनरशिप और व्यावसायिक उन्नति की उन संभावनाओं पर बातचीत की जाएगी।

युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खोलने की भी कवायद
समिट के जरिए राज्य के निवासियों के लिए अच्छे वेतनवाली नौकरियां पानेकार्यकुशलता निखारने एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों के साथ स्पर्धा करते हुए व्यवसायों को आगे बढ़ाने के लिए संभावनाओं की तलाश की जा सकेगी। इन्वेस्टर्स मीट के आयोजन का जिम्मा WEEXPOINDIA नाम की कंपनी को दिया गया है। यह कंपनीमीट के दौरान वैश्विक कंपनियों और आर्थिक-संगठनों को विभिन्न बिन्दुओं पर सूचनाएंजानकारियां तथा मार्गदर्शन उपलब्ध कराएगी।

चार बड़े पवेलियन बनाने की तैयारी
बताया गयाइनवेस्टमेंट मीट 2022, निवेश के चार बड़े क्षेत्रों "एग्रीकल्चरमाइनिंगहैवी इंजीनियरिंग एंड फेब्रिकेशन और ग्रीन एनर्जीमें विकास के अवसरों को प्रस्तुत करने का मौका होगा। इन सभी सेक्टरों का अलग-अलग पैवेलियन होगा। इस पवेलियन में प्रत्येक क्षेत्र में उपलब्ध नेचुरल रिसोर्सेसयूनिक प्रोसेसेससस्टेनेबल रिसोर्सेसइनोवेटिव वर्किंग मॉडलवर्क-फोर्सक्लाइमेटिक एडवांटेजएडवांस्ड टेक्नोलॉजी सहित बहुत कुछ प्रदर्शित होगा। राज्य सरकार इस मौके पर निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत निर्णयोंअनुदानोंरियायतों की घोषणाएं भी करेगी।

आज लोगो और वेबसाइट लॉन्च होगी
अफसरों ने बतायामुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज ग्लोबल इन्वेटर्स मीट 2022 की औपचारिक घोषणा करेंगे। इस दौरान वे इन्वेस्टर्स मीट का आधिकारिक लोगों और वेबसाइट भी जारी करने वाले हैं। यह वेबसाइट इन्वेस्टर्स मीट से जुड़ी जानकारियों और रजिस्ट्रेशन आदि की सुविधाओं के लिए विशेष तौर पर तैयार किया गया है।

जुलाई में ही सरकार ने रद्द किए हैं पुराने एमओयू
जुलाई महीने में हुई निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में सरकार ने बताया था, 2012 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में 93 हजार 830 करोड़ रुपए 69 लाख रुपए पूंजी निवेश के 275 करार हुए थे। इनमें से वास्तविक पूंजी निवेश हजार करोड़ 59 लाख रुपए का हुआ है। परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। 25 परियोजनाओं में स्थल चयन कर क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है। शेष 103 एमओयू में कोई कार्य प्रारंभ नही हुआ है। बोर्ड ने 2001 से 2018 के बीच ऐसे 158 करार रद्द कर दिए जो तब तक सक्रिय नहीं हो पाए थे।

कृषि मंत्री ने कहा थाग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट से ढाई नए पैसे का भी निवेश नहीें आया
कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने जुलाई में कहा थानिवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में पुराने निर्णयों के पन्ने पलटकर देखा गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह निवेश आकर्षित करने टेक्सास (अमेरिका) गए थे। जानकारी लिया गया तो पता चला कि वहां हुए एमओयू का एक नया पैसा छत्तीसगढ़ में लग नहीं पायान ही कोई निवेशक आया।

उसके बाद रमन सिंह ने यहां इन्वेस्टर्स मीट कराया था। कहा गया थाढाई लाख करोड़ रुपए का एमओयू किया गया है। विभाग ने बताया कि ढाई नए पैसे का भी निवेश नहीं आया है।

पिछले ढाई वर्षों में 1564 उद्योग लगे
राज्य सरकार का दावा है कि पिछले ढाई-तीन वर्षों में प्रदेश की निवेश का परिदृश्य बदला है। इन वर्षों के दौरान राज्य में नये उद्योगों की स्थापना के लिए 132 एमओयू किए गए हैंजिसमें 58 हजार 950 करोड़ का पूंजी निवेश प्रस्तावित है। इससे 78 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। राज्य में इस अवधि में 1564 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं। इनमें 30 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।