उत्तर कोरिया ने रविवार को लंबी दूरी की नई मिसाइल का टेस्ट किया। यह मिसाइल 1500 किमी की दूरी तक वार कर सकती है। इस रेंज में नॉर्थ कोरिया जापान के अधिकतर हिस्से पर निशाना लगा सकता है।कोरियन सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी ने बताया की यह क्रूज मिसाइल दो साल से तैयार हो रही थी। अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिसाइल में न्यूक्लियर क्षमता वाला सिस्टम होने की आशंका है।
उत्तर कोरिया ने कहा कि यह मिसाइल अहम रणनीतिक हथियार है, जो देश की सैन्य ताकत में बढ़ावा करने के किम जोंग उन के विजन के मुताबिक है। इससे पहले मार्च में कोरिया ने कम दूरी की बलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की थी। जो बाइडन के प्रेसिडेंट बनने के बाद जनवरी में भी नॉर्थ कोरिया ने एक क्रूज मिसाइल को लॉन्च किया था।
अमेरिका को जापान और दक्षिण कोरिया की रक्षा की चिंता है
जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी कात्सुनोबू कातो ने कहा की हम नॉर्थ कोरिया की मिसाइल लॉन्च को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम US और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर इस पर निगरानी रखेंगे। यूएस इंडो पैसिफिक कमांड ने बताया की इस टेस्ट से यह पता चल रहा है कि नॉर्थ कोरिया अपने सैन्य कार्यकर्म को डेवेलप करने पर ध्यान दे रहा है। इसके साथ ही वह अपने पड़ोसी देशों और इंटरनेशनल कम्युनिटी पर भी खतरा बढ़ा रहा है।
अमेरिका बेस्ड कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एक सीनियर फेलो अंकित पांडा ने कहा कि उत्तर कोरिया की यह पहली क्रूज मिसाइल होगी जिसे रणनीतिक भूमिका के लिए तैयार किया गया है। भले ही नॉर्थ कोरिया साफ शब्दों में न कहे लेकिन यह साफ है कि यह न्यूक्लियर क्षमता वाले सिस्टम का ही दूसरा नाम है।
अमेरिकी खुफिया ने डिटेल्स कन्फर्म करने से इंकार कर दिया था
यह मिसाइल टेस्ट इस बात का सबूत है कि 2009 में साथ न्यूक्लियर और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को खत्म करने की बातचीत बंद होने के बाद नॉर्थ कोरिया ने लगातार अपनी हथियार की क्षमताओं का विस्तार जारी रखा है। संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइल टेक्नोलॉजी का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा रखा है।
उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण का ऐलान तब किया है जब एक दिन बाद ही अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के परमाणु नेगोशिएटर टोक्यो में मुलाकात करने वाले हैं। यह मुलाकात नॉर्थ कोरिया और किम जोंग उन की सनक को लेकर ही की जाने वाली है।