15 अस्पताल में 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन हवा से होगी तैयार, 700 मरीजों की आवश्यकता की होगी पूर्ति, अस्पतालों में 9500 बेड भी उपलब्ध
- छोटे बच्चों के इलाज के दौरान माता-पिता के साथ रहने के इंतजाम करने के निर्देश कोरोना की दूसरी लहर में बेड और ऑक्सीजन की किल्लत की परेशानी को दोबारा न होने देने के लिए जिला प्रशासन ने संभावित तीसरी लहर की तैयारी तेज कर दी है। गुरुवार को भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने सरकारी अस्पताल के अधीक्षक और निजी अस्पताल के संचालकों के साथ तैयारियों की समीक्षा बैठक की।
इसमें बताया गया कि भोपाल के अलग-अलग अस्पताल में 15 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिनकी क्षमता 16 से 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। यह प्लांट हवा से ऑक्सीजन बनाएंगे। इनसे करीब 700 मरीजों की आवश्यकता की पूर्ति हो सकेगी। इनमें से कई जगह प्लांट तैयार हो गए हैं। कुछ जगह प्लांट स्थापित करने का काम चल रहा है। वहीं, बैठक में बताया गया कि बच्चों के इलाज के लिए 200 आईसीयू ऑक्सीजन बेड तैयार कर लिए गए हैं। इसके अलावा बेड बढ़ाने की कार्रवाई लगातार जारी है। 1 सितंबर पर सभी प्लांट शुरू हो जाएंगे।
कलेक्टर ने अस्पताल अधीक्षक और संचालकों को निर्देश दिए है कि ऑक्सीजन प्लांट लगाने में यदि कोई समस्या आ रही है या किसी अनुमति की आवश्यकता है तो उसके लिए तुरंत संपर्क करें। जिससे की कठिनाईयों को दूर किया जा सके। साथ ही उन्होंने बच्चों के इलाज को लेकर स्टाफ को प्रशिक्षित करने के इंतजाम करने के लिए भी कहा।
कलेक्टर ने 0 से 10 वर्ष की उम्र के बच्चों के इलाज के लिए विशेष प्रावधान करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ उनके माता-पिता में से किसी एक को रखना अनिवार्य होगा। तो सारी व्यवस्था इस प्रकार से की जाए। जिससे बच्चों के इलाज के समय किसी प्रकार की समस्याओं का सामना ना करना पड़े। बैठक में बताया गया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए अस्पताल बेड बढ़ाने की तैयारी अंतिम चरण है। करीब 9500 बेड बढ़ाए गए है। इसमें 2500 आईसीयू बेड शामिल है।
इसके अलावा बैठक में बताया गया कि जिले में 180 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की स्टोरेज की क्षमता बढ़ाई गई है। पिछले लहर में भोपाल में 95 मीट्रिक टन ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता थी। इसके अलावा आवश्यकता अनुसार आईनॉक्स 100 मिट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई उपलब्ध कराएंगा।
एडीएम संदीप केरकेट्टा ने बताया कि भोपाल में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की अधिकतम डिमांड 98 से 100 मीट्रिक टन रही थी, उसकी तुलना में इस बार 300 मिट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध रहने की संभावना है। सभी बड़े अस्पतालों द्वारा अपने स्वयं के ऑक्सीजन प्लांट लगभग तैयार कर लिए गए हैं और शेष बचे हुए ऑक्सीजन प्लांटों को आने वाले 15 दिनों में पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा। सभी प्लांट में ऑक्सीजन जेनरेशन और सप्लाई शुरू कर ली जाएगी इसके साथ-साथ बड़े सिलेंडर सभी अस्पतालों में उपलब्ध रखने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर अध्यक्षता में आयोजित बैठक में चिरायु ,एलएनसीटी, पीपुल्स ,जेके हमीदिया, आरकेडीएफ, कस्तूरबा, कमला नेहरू, जेपी ,हमीदिया, के साथ-साथ अन्य सभी बड़े चिकित्सालय के अधीक्षक और संचालक उपस्थित रहे।
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