डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में CBI कोर्ट का फैसला 26 अगस्त को नहीं आएगा। CBI कोर्ट की कार्रवाई पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 27 अगस्त तक रोक लगा दी है। साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में रोहतक जेल में सजा काट रहे डेरा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह पर इस हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप है और इस पर बहस पूरी हो चुकी है। माना जा रहा था कि 26 अगस्त को CBI कोर्ट इस केस में फैसला दे सकती है।
18 साल पहले रणजीत की हत्या हुई थी
डेरे के सेवक रहे खट्टा सिंह ने रणजीत सिंह की हत्या का आरोप राम रहीम पर लगाया था। दरअसल, उसे लगता था कि यौन शोषण मामले से संबंधित चिटि्ठयां रणजीत सिंह ने ही जगह-जगह भेजी थीं। खट्टा सिंह ने कोर्ट में कहा था, ‘रणजीत ने गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से लिखवाई थी, इसलिए राम रहीम ने मेरे सामने 16 जून 2002 को सिरसा डेरे में उसको मारने का आदेश दिया था।’ 10 जुलाई 2003 को रणजीत सिंह की हत्या हो गई थी।
बचाव पक्ष ने बहस के फाइनल दस्तावेज जमा किए
बुधवार को सुनवाई के दौरान आरोपी राम रहीम और कृष्ण वीडियो कॉन्फ्रेंस से पेश हुए। आरोपी अवतार, जसवीर और सबदिल कोर्ट में मौजूद थे। इस मामले में बचाव पक्ष के वकील ने फाइनल बहस के सभी दस्तावेज CBI कोर्ट में जमा कर दिए। कोर्ट ने CBI से इस पर बहस करने के लिए पूछा, लेकिन जांच एजेंसी ने बहस नहीं की।
2017 से जेल में बंद है राम रहीम
राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में 20 साल की कैद हुई है। पत्रकार की हत्या के मामले में वह उम्रकैद की सजा काट रहा है। 27 अगस्त 2017 को रोहतक की सुनारियां जिला जेल में ही CBI की अदालत लगाई गई। इस दिन सजा तय होने के बाद से राम रहीम जेल में है। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के मर्डर केस में भी उसे 20 साल की कैद हो गई थी।
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