नई दिल्ली । हंगामे की भेंट चढ़े मॉनसून सत्र को लेकर पक्ष-विपक्ष इसका ठीकरा एक दूसरे के सिर फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सत्र के दौरान हुई हंगामे की अभूतपूर्व घटनाओं को लेकर दोनों सदनों के प्रमुख चिंतित हैं। इसी सिलसिले में गुरुवार को लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की तथा सत्र के दौरान हुई हंगामे की घटनाओं पर गहन विचार-विमर्श किया और इस मुद्दे पर भविष्य में सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए हैं। सत्र खत्म हो चुका है लेकिन हंगामे के लिए जिम्मेदार सांसदों के खिलाफ अभी भी कार्रवाई किए किये जाने के असार हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में दोनों सदनों के प्रमुखों में इस बात पर सहमति बनी है कि सांसदों के ऐसे व्यवहार और गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। दोनों सदन आने वाले दिनों में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए नए कदमों का ऐलान कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा में बुधवार को सदन के आखिरी वक्त में संसदीय कार्यमंत्री और सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी चेयर से हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसलिए यह माना जा रहा है कि 10 और 11 अगस्त को हंगामे के लिए जिम्मेदार सांसदों के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि नायडू एवं बिरला ने सत्र के दौरान हुई ऐसी घटनाओं की विस्तृत जांच कर कार्रवाई करने को लेकर भी बातचीत की है। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि दोनों सदनों के प्रमुखों ने कुछ सांसदों के कामकाज में बाधा डालने वाले बर्ताव पर गहन चिंता प्रकट की। इसमें कहा गया, 'उनका पुरजोर मानना है कि ऐसे अशांतिपूर्ण व्यवहार को सहा नहीं जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।