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आगरा। आगरा के शाही जामा मस्जिद में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी द्वारा तिरंगा फहराने पर विवाद बढ़ता जा रहा है। एक कथित वायरल ऑडियो में शहर मुफ्ती ने मस्जिद के अंदर राष्ट्रगान गाने का विरोध किया है। इस पर अशफाक सैफी ने मुफ्ती के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया है। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शाही जामा मस्जिद में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने तिरंगा फहराया। इसके बाद राष्ट्रगान गाया गया और भारत माता जय के नारे लगे। इसके बाद एक ऑडियो वायरल हुआ। दावा है कि यह ऑडियो शहर मुफ्ती मजदुल खुबैब रूमी का है।
ऑडियो में खुबैब रूमी ने मस्जिद इंतजामिया के चेयरमैन असलम कुरैशी से कहा कि मस्जिद के अंदर 'जन-गण-मन हुआ है, वह हराम है, अल्लाह के कहर को दावत न दीजिये।' इस बीच शाही जामा मस्जिद के चेयरमैन हाजी असलम कुरैशी ने कहा कि शहर मुफ्ती ने मस्जिद के मदरसे में तिरंगा फहराने पर एतराज जताया है, जो कि गलत है, मदरसे में हर साल झंडारोहण किया जाता है, मुफ्ती के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया जाना चाहिए, मुफ्ती ने मुझे धमकी भी दी है। इस मामले में हिंदुस्तानी बिरादरी के चेयरमैन डॉ सिराज कुरैशी ने कहा कि मस्जिद के अंदर झंडा नहीं फहराया जाता है, इसको लेकर मुस्लिमों में एकराय है, मदरसे-खानकाह-मस्जिदों के गेट पर तिरंगा फहराया जाता है, इसमें किसी को कोई गुरेज नहीं है, लेकिन मस्जिद के अंदर नहीं होना चाहिए। वहीं, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैफी ने कहा कि शहर मुफ्ती का तिरंगा फहराने का विरोध गलत है, जंग-ए-आजादी की लड़ाई हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी ने मिलकर लड़ी थी, शहर मुफ्ती का बयान गैर जिम्मेदाराना है, उन्हें इसे वापस लेना चाहिए। बताया जा रहा है कि ऑडियो वायरल होने के बाद से ही मजदुल खुबैब रूमी अंडरग्राउंड हैं। दावा यह भी है कि रूमी को शहर मुफ्ती पद से हटा भी दिया गया है।
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