वैक्सीन लेने के बाद नहीं बढ़ता संक्रमण का खतरा- ज्योति कदम
मुरैना - जिले
की
जुझारू
सामाजिक
कार्यकर्ता
और
वीडियो
वालंटियर
की
सामुदायिक
संवाददाता
ज्योति
कदम,
कोरोना
माहमारी
के
दौरान
समाज
मे
कोरोना
और
वेक्सीन
की
गलत
अफवाहों
को
लेकर
सोशल
मीडिया
,व्हाट्सप
,यूट्यूब
के
माध्यम
से लोगों को
जागरूक
कर
रही
है। ज्योति कदम
अपनी
टीम
के
साथ
गलत
अफवाहों
के
चेक
फैक्ट
के
जरिये लोगो के
बीच
सही
जानकारी
देने
का
प्रयास
सोशल
मीडिया
के
द्वारा
लगातार
कर
रही
हैं
इनके
प्रयासों
को
जनता
और
शासन
का
भरपूर
समर्थन
मिल
रहा
है
एक-एक कर जानिए वायरल मैसेज में किए गए दावे -
दावा
वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के डेढ़ महीने बाद तक कोविड-19 के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है -
इसका सच
जानने
इन्होने
शीर्ष रिसर्च संस्था
इंडियन
काउंसिल
ऑफ
मेडिकल
रिसर्च
(ICMR) के सेंटर फॉर
एडवांस
रिसर्च
इन
वायरोलॉजी
के
प्रमुख
रह
चुके
डॉ.
जैकब
टी
जॉन
से
संपर्क
किया.
डॉ.
जॉन
ने
वायरल
मैसेज
में
किए
गए
अधिकतर
दावों
को
फेक
बताया.
दावा -
वायरल हो रहे मैसेज में दावा है कि कोविड-19 वैक्सीन लेते ही हमारे शरीर में इम्युनिटी कम होने लगती है. 28 दिन बाद जब दूसरा डोज लेते हैं तो इम्युनिटी और ज्यादा कम हो जाती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
वैक्सीन का
दूसरा
डोज
लेने
के
अगले
28 दिनों
तक
संक्रमण
का
खतरा
बना
रहता
है.
मैसेज
में
दावा
है
कि
डेढ़
महीने
बाद
शरीर
कि
इम्युनिटी
पॉवर
100 से
200 गुना
बढ़
जाती
है.
मैसेज
में
गरम
पानी
से
स्नान
करने
की
भी
हिदायत
दी
गई
है.
मैसेज फेसबुक
पर
बड़े
पैमाने
पर
शेयर
किया
जा
रहा
है.
वेबकूफ
की
वॉट्सअप
टिपलाइन
पर
भी
रीडर्स
ने
ये
मैसेज
पड़ताल
के
लिए
हमें
भेजा.
सच -
डॉ जैकब
टी
जॉन
ने
वायरल
मैसेज
में
किए
गए
इस
दावे
को
फेक
बताया
कि
वैक्सीन
का
दूसरा
डोज
लेने
के
बाद
भी
कोरोना
संक्रमण
का
खतरा
बढ़
जाता
है.
अमेरिकन मेडिकल
एसोसिएशन
के
जर्नल
JAMA में
छपी
रिपोर्ट
में
ये
जरूर
कहा
गया
है
कि
वैक्सीन
का
पहला
डोज
लेने
के
बाद
कोरोना
संक्रमण
होने
की
संभावना
रहती
है.
लेकिन,
ऐसी
कोई
रिपोर्ट
हमें
नहीं
मिली
जिससे
पुष्टि
होती
हो
कि
वैक्सीन
का
दूसरा
डोज
लेने
के
बाद
इंसान
के
कोविड-19
संक्रमित
होने
की
संभावना
ज्यादा
रहती
है.
वैक्सीन का
दूसरा
डोज
लेने
से
नहीं
बढ़ता
कोरोना
संक्रमण
का
खतरा
-
दावा है कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के डेढ़ महीने बाद तक कोविड-19 के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है
पहले डोज
और
दूसरे
डोज
के
बीच
की
अवधि
सभी
वैक्सीन
की
अलग
है.
हाल
में
सीरम
इंस्टीट्यूट
ऑफ
इंडिया
के
सीईओ
अदार
पूनावाला
ने
कहा
है
कि
पहले
और
दूसरे
डोज
के
बीच
ढाई
से
तीन
महीने
का
गैप
रखने
से
वैक्सीन
ज्यादा
प्रभावी
होगी.
पिछले
महीने
केंद्र
सरकार
ने
विशेषज्ञों
की
सलाह
के
आधार
पर
राज्यों
को
कोविशील्ड
के
दो
डोज
के
बीच
का
गैप
4-6 सप्ताह
से
बढ़ाकर
6-8 सप्ताह
बढ़ाने
के
लिए
पत्र
लिखा
था
दावा : वैक्सीन शरीर में प्रवेश करते ही एंटीबाॅडी बनाना शुरू कर देती है. इस दौरान शरीर में इम्युनिटी कम हो जाती है.
ऐसी कोई
रिसर्च
रिपोर्ट
हमें
नहीं
मिली,
जिससे
पुष्टि
होती
हो
कि
वैक्सीन
लेने
के
बाद
इम्युनिटी
कम
होती
है.
रिसर्च जर्नल
JAMA में
छपी
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
वैक्सीन
का
पहला
डोज
लेने
के
बाद
इंसान
को
कोविड-19
के
संक्रमण
से
पूरी
सुरक्षा
नहीं
मिलती.
कई
लोग
पहला
डोज
लेने
के
बाद
ही
संक्रमण
से
सुरक्षा
को
लेकर
आश्वस्त
हो
जाते
हैं,
रिपोर्ट
में
आगे
लिखा
है
कि-
ये
साफतौर
पर
नहीं
कहा
जा
सकता
कि
पहले
डोज
के
बाद
पैदा
हुई
इम्युनिटी
कितनी
और
कब
तक
सुरक्षा
देगी.
इसलिए
दूसरा
डोज
जरूरी
है.
दावा: दूसरे डोज के 14 दिन बाद हमारे शरीर में एंटीबाडी बन जाती है. इस डेढ महीनेे के दौरान वायरस के शरीर में प्रवेश करने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है.
LANCET जर्नल
में
भारत
की
कोवैक्सीन
के
दूसरे
फेज
के
ट्रायल
की
रिपोर्ट
छपी
है.
इस
रिपोर्ट
में
कोवैक्सीन
को
प्रभावी
बताया
गया
है.
हालांकि
साथ
में
ये
भी
कहा
गया
है
कि
वैक्सीन
कितनी
सुरक्षित
है,
ये
तीसरे
चरण
के
ट्रायल
के
बाद
पता
चलेगा. LANCET की इस
रिपोर्ट
में
ये
जिक्र
कहीं
नहीं
है
कि
वैक्सीन
का
दूसरा
डोज
लेने
के
बाद
कोविड
19 के
संक्रमण
का
खतरा
बढ़
जाता
है.
डॉ. जैकब
टी
जॉन
के
मुताबिक,
ये
दावा
झूठा
है
कि
वैक्सीन
लेने
के
बाद
कोविड-19
का
खतरा
बढ़
जाता
है.
ये
संभावना
है
कि
वैक्सीन
वायरस
से
बचाने
में
असर
ही
न
करे,
लेकिन
संक्रमण
का
खतरा
बढ़ता
नहीं
है.
दावा: डेढ़ महीने बाद 100 से 200 गुना इम्युनिटी पॉवर शरीर में बन जाती है, उसके बाद आप सुरक्षित है.
डॉ जैकब
के
मुताबिक,
इम्युनिटी
को
इस
तरह
से
मापने
का
कोई
पैमाना
नहीं
है
कि
वह
कितने
प्रतिशत
या
कितने
गुना
बढ़ती
है.
ये समझना
होगा
कि
हमारे
शरीर
में
कोई
एक
कॉमन
इम्युनिटी
नहीं
होती,
जो
हर
वायरस
या
बीमारी
में
काम
आ
जाए.
हर
वायरस
से
लड़ने
के
लिए
अलग
इम्युनिटी
की
जरूरत
होती
है.
कोविड-19
से
लड़ने
के
लिए
आपके
शरीर
में
या
तो
इम्युनिटी
होगी
या
फिर
नहीं
होगी.
वैक्सीन
देकर
इसी
इम्युनिटी
को
डेवलप
करने
का
प्रयास
किया
जा
रहा
है.
लेकिन,
ऐसा
नहीं
होता
है
कि
पहले
इम्युनिटी
कम
थी
फिर
ज्यादा
हो
गई.
दावा: आकर गरम पानी से स्नान करें -
ऐसी कोई
रिसर्च
रिपोर्ट
हमें
नहीं
मिली,
जिसमें
ये
उल्लेख
हो
कि
वैक्सीन
का
डोज
लेने
के
बाद
गरम
पानी
से
नहाना
चाहिए
या
फिर
गरम
पानी
से
नहाने
से
कोविड
के
संक्रमण
से
बचा
जा
सकता
है. डॉ जैकब
कहते
हैं
कि
ये
बात
सच
है
कि
पानी
को
गरम
करने
से
उसके
बैक्टीरिया
खत्म
हो
जाते
हैं.
लेकिन,
इसका
वैक्सीनेशन
या
कोविड-19
के
इलाज
से
कोई
संबंध
नहीं
है.
मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है
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