नई दिल्ली । कोरोना की वैक्सीन को लेकर लोगों के दिल दिमाग से डर खत्म करना सरकार के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। वहीं, मुस्लिम समुदाय में इस झिझक पर अल्प संख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को कहा कि टीकाकरण को लेकर गलतफहमी भगाने के लिए, हज समितियों, वक्फ बोर्ड, केंद्रीय वक्फ परिषद और स्वयं सहायता समूहों को जान है तो जहान है अभियान में शामिल किया जा रहा है। मुंबई के एक एनजीओ और मुस्लिम मौलवियों ने शहर में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए हाथ मिलाया है। एनजीओ 'भामला फाउंडेशन' ने मुंबई में विभिन्न मस्जिद समितियों के मौलाना और मौलवियों को एक साथ लाया और उनसे झुग्गी बस्तियों में जागरूकता अभियान चलाने का आग्रह किया। ये ग्रुप न केवल जागरूकता फैलाएगा बल्कि लोगों के लिए टीकाकरण के लिए स्लॉट बुक करने की व्यवस्था भी करेगा। इस संगठन ने अपने अभियान की सारी व्यवस्था के लिए एक वॉर रूम भी तैयार किया है। भामला फाउंडेशन के अध्यक्ष आसिफ भामला ने कहा, "इस पहल से मुस्लिम समुदाय में कोविड टीकाकरण को लेकर विश्वास पैदा होगा। उन्होंने कहा कि कई लोग कुछ गलतफहमियों के कारण टीकाकरण से डर रहे हैं, इसलिए हमने मौलाना और मौलवियों को शामिल किया जो लोगों को समझा सकते हैं। हम चाहते हैं कि वे मुसलमानों के बीच इस झिझक को दूर करें। अभियान में भाग लेने वाले मौलवी मौलाना तबरेज़ ने कहा कि लोगों में कोरोना वैक्सीन के लिए कई गलत धारणाएं है। कुछ का कहना है कि वे इसे लेने के बाद मर जाएंगे, जबकि अन्य साइड इफेक्ट के बारे में चिंतित हैं। इस गलत सूचना को दूर करने के लिए हम दो अलग-अलग शिफ्टों में घर-घर जाकर टीकाकरण के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं। हमारे जागरूकता अभियान के बाद कई लोग टीका लगाने के लिए राजी हुए हैं।" मौलाना तबरेज़ ने कहा कि हम एक दिन में कम से कम 100 से 150 लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
Please do not enter any spam link in the comment box.