नई दिल्ली चक्रवाती तूफान यास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में देर से पहुंचने और जल्दी निकल जाने को लेकर घिरीं ममता बनर्जी अब सफाई पर सफाई दे रही हैं। बैठक से जल्दी निकलने के बाद शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने पीएम मोदी से परमिशन लेने के बाद वहां से निकलीं थीं। लेकिन अंत में शनिवार को उन्होंने अपने दिल की बात ही दी कि क्यों बैठक से जल्दी चली गईं थीं। ममता बनर्जी ने कहा कि पीएमओ ने मेरा अपमान किया और मेरी छवि खराब करने के लिए ट्वीट किए थे।
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की बैठक थी तो इसमें भाजपा के नेताओं, राज्यपाल को क्यों बुलाया गया, इससे अपमानित महसूस कर रही हूं। अगर प्रधानमंत्री बंगाल के लोगों की भलाई के लिए मुझे अपना पैर छूने के लिए कहें तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं, लेकिन मेरा अपमान नहीं होना चाहिए।
ममता बनर्जी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध करती हूं कि राजनीतिक प्रतिशोध खत्म करें, मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को बुलाने का आदेश वापस लें और उन्हें संक्रमण प्रभावितों के लिए काम करने की अनुमति दें। आप (प्रधानमंत्री) प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं क्योंकि बंगाल में भाजपा की चुनावी हार को आप अब तक स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री की बैठक में ममता बनर्जी के साथ-साथ राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय भी देरी से पहुंचे थे। जब ममता बनर्जी पहुंचीं तब वो भी पहुंचे थे। 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि दिल्ली केंद्र सरकार ने अलपन बंदोपाध्याय के ट्रांसफर का आर्डर जारी कर दिया। केंद्र ने उनको 31 मई को सुबह 10 बजे दिल्ली में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है।
source=https://pradeshlive.com/news.php?id=on-not-attending-modis-meeting-mamta-spoke-pmo-insulted-me-tweeting-to-tarnish-my-image-299355
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