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कोरोना महामारी के कारण खेलों में सभी खिलाड़ियों को जैविक रूप से सुरक्षित माहौल (बायो बबल) में रहना पड़ रहा है जिसके कई नकारात्मक परिणाम भी हैं जो अब सामने आ रहे हैं। इससे खिलाड़ियों में मानसिक तनाव बढ़ रहा है।
इंग्लैंड क्रिकेटर डॉम बेस ने कहा है भारत दौरे में लंबे समय तक बायो बबल में रहने के बाद से ही वह क्रिकेट से नफरत तक करने लगे थे। बेस ने भारत दौरे में इंग्लैंड की ओर से चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला के दो मैचों में खेला था। चेन्नई में पहले टेस्ट के बाद बेस को अंतिम एकादश से बाहर कर दिया गया पर अहमदाबाद में अंतिम टेस्ट के लिए उन्हें टीम में जगह मिल गयी थी।
भारत में लगभग सात सप्ताह जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में रहने के बाद बेस अब काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं। बेस के कहा कि भारत दौरे के बाद मैंने अच्छा ब्रेक लिया क्योंकि मैं क्रिकेट से नफरत करने लगा था। मैं बेहद दबाव में था, भारत में जैविक रूप से सुरक्षित माहौल के दौरान सभी पर काफी दबाव था और मेरे लिए यह काफी अहम था कि वापस आकर मैं इससे दूर हो जाऊं। भारत से लौटने के बाद बेस ने दो से तीन सप्ताह का ब्रेक लिया।
बेस ने कहा कि भारत में जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में क्रिकेट ही सब कुछ था। जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हो तो ठीक है लेकिन जब चीजें सही नहीं होती तो फिर काफी परेशानी हो जाती हैं। भारत में जो हुआ उसे मैं सकारात्मक पक्ष के रूप में देखता हूं। यह काफी मुश्किल समय था लेकिन मेरे लिए सीखने के लिहाज से अहम रहा। इस नजरिये से भी कि मैं अपने खेल को कहां देखता हूं, मुझे पता है कि मुझे क्या करना है।
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