विदिशा मैं 169 रेमडेसीविर इंजेक्शनो का हुआ गोलमाल प्रशासन पर उठे सवाल
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विदिशा मैं 169 रेमडेसीविर इंजेक्शनो का हुआ गोलमाल प्रशासन पर उठे सवाल

विदिशा मैं 169 रेमडेसीविर इंजेक्शनो का हुआ गोलमाल प्रशासन पर उठे सवाल
विदिशा से ब्यूरो चीफ रंजीत सिंह ठाकुर की रिपोर्ट
विदिशा जिले के लिए  169 रेमडेसीविर इंजेक्शन प्राप्त हुए थे परंतु ड्रग इंस्पेक्टर संजीव जादौन ने यह इंजेक्शन सिकरवार फार्मा को दे दिए बता दे आपको विदिशा जिले में रेमेडी सेवर इंजेक्शन को लेकर ड्रग्स इंस्पेक्टर की भूमिका एवं मेडिकल संचालक एवं अन्य की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है

 रेमडेसीविर इंजेक्शन कोरोना से संक्रमण गंभीर मरीजों के लिए जीवन संजीवनी है उसी जीवन संजीवनी की कालाबाजारी करने में सरकार के ही अधीनस्थ बड़े पद पर बैठे अधिकारी कर रहे हैं जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है 
एवं जिला कलेक्टर की दिन-रात की मेहनत पर पानी फिर रहा है क्योंकि जिला कलेक्टर मरीजों के इलाज में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं इसके बावजूद भी यह मामला सामने आने पर जिला कलेक्टर की छवि पर भी कलंक लगता है

इंजेक्शन प्रशासन की जानकारी में आए बिना सीधे मेडिकल शॉप पर कैसे पहुंचे इसकी जांच दूसरे दिन भी जारी रही इसमें ड्रग इंस्पेक्टर संजीव जादौन सिकरवार फार्मा के संचालक सहित अन्य लोग संदेह के घेरे में है

संयुक्त कलेक्टर रोशन राय की रिपोर्ट कलेक्टर ने कमिश्नर को भेज दी सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि जिले के लिए आए इंजेक्शन ड्रग इंस्पेक्टर के बिना किसी आदेश के सिकरवार फार्मा पर रखवा दिए थे 
कलेक्टर डॉ पंकज जैन को सोमवार को जिले के लिए उपलब्ध कराए गए रेमडेसीविरकी जानकारी भोपाल से मिलने के बाद जब उन्होंने संयुक्त कलेक्टर रोशन राय को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा था 

राय ने सिकरवार फार्मा से 169 रेमडेसीविर इंजेक्शन की जब्ती बनवाई और उन्हें सीएमएचओ ऑफिस के वैक्सीन रूप में सुरक्षित रखवाया 

इधर रोशन राय ने तहसीलदार सरोज अग्निवंशी को फार्मा पर भेजा जहां से तहसीलदार ने दस्तावेज जप्त किए रात 8:00 बजे के बाद तक कार्रवाई चलती रहीकलेक्टर ने कहा है कि प्रतिवेदन कमिश्नर को भेज दिया है
 यह सही है कि इंजेक्शन को यह एलॉटमेंट जिले के लिए आया था प्रशासन की जानकारी के बिना कहीं और नहीं जाना चाहिए था प्रथम दृष्टया स्पेक्टर को मेडिकल विक्रेता के साथ ही अन्य लोग भी दोषी लगते हैं

जबकि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कलेक्टर को जारी पत्र में कहा है कि  रेमडेसीविर इंजेक्शन की आपूर्ति का 50% जिला अस्पताल शासकीय अस्पताल को है और शेष आपूर्ति कलेक्टर के माध्यम से निजी अस्पतालों में किया जाएगा 

बता दें आप को सूत्रों के मुताबिक यह बात सामने आई है कि इसमें ड्रग इंस्पेक्टर संजीव जादौन की भूमिका संदिग्ध है क्योंकि उन्होंने बिना किसी अनुमति के इंजेक्शन सिकरवार फार्मा पर रखवा दिए

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