10 दिन का विपश्यना मैडिटेशन – सम्पूर्ण जानकारी | Vipassana Meditation in Hindi
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10 दिन का विपश्यना मैडिटेशन – सम्पूर्ण जानकारी | Vipassana Meditation in Hindi

 

10 दिन का विपश्यना मैडिटेशन – सम्पूर्ण जानकारी | Vipassana Meditation in Hindi

 

Vipassana Meditation in Hindi

विपश्यना मैडिटेशन

दोस्तो, मैंने हाल ही में विपश्यना साधना केंद्र ( Vipassana Meditation Centre) में 10 दिन का course किया। मैंने वहाँ जो कुछ भी अनुभव किया वो मैं आप सब के साथ share कर रहा हूँ।

विपश्यना क्या है?

विपश्यना आज से लगभग 2500 वर्ष पूर्व की एक विद्या है, जिसे गौतम बुद्ध ने विकसित की थी। माना जात है कि यह विद्या गौतम बुद्ध से पूर्व भी लगभग 7000 वर्ष पूर्व भारत के योगियों के पास मौजूद थी। माना जाता है कि बुध ने अंगुलिमाल जैसे डाकू को, जिसने 999 लोगो की हत्या कर दी थी इसी विद्या के द्वारा सद्गति प्रदान की थी.

Vipassana Meditation in Hindi विपश्यना

पर समय के साथ यह विद्या धीरे-धीरे विलुप्त होती चली गयी। भगवान् बुध ने अपने प्रयासो से इसे एक नया जीवन दिया और इस महान विद्या को जन-जन तक पहुँचाया।

इस विद्या में साधक अपनी साँसो के आवागमन पर ध्यान देते हुए धीरे-धीरे अपने समस्त संस्कारो को क्षीण कर मुक्ति को प्राप्त करता है।

विपश्यना मेडीटेसन सेन्टर क्या है?

विपश्यना की इस विद्या को भारत और सम्पूर्ण विश्व में सिखाने वाले सेन्टर, विपश्यना मेडीटेसन सेन्टर्स के नाम से पहचाने जाते है। श्री एस.एन.गोयनका के प्रयासो से इन सेन्टर्स की स्थापना की गयी। श्री गोयनका का जन्म और शिक्षा-दीक्षा म्यांमार में हुई।

Vipassana Meditation S N Goenka

अपनी युवावस्था के दिनों में गोयनका जी एक विशेष प्रकार के माइग्रेन से पीडित हो गये, जिसमे हर 15 दिन मे सिर में दर्द होता था। इसका कोई इलाज नहीं था। इसलिए उन्हें म़ॉरफीन के इनजेक्सन दिए जाने लगे। पर इन इनजेक्सनो के वे Addict हुए जा रहे थे। इसलिए उन्होने अपना इलाज स्विटजरलैंड,अमेरिका,जापान,U.K. जैसे कई विकसित देशों में कराया,परन्तु कोई लाभ नही हुआ।

अन्त में अपने एक करीबी के कहने पर उन्होने Shri Sayagyi U Ba Khin से विपश्यना की विद्या सीखी। और केवल उनका रोग ही ठीक नही हुआ, उन्हे एक नया जीवन मिला। फिर उन्होने भारत आकर मात्र 10 लोगो को अपना पहला शिविर लगा कर विपश्यना सिखायी। और फिर शिविर पर शिविर लगते चले गये और धीरे-धीरे विपश्यना मेडीटेसन सेन्टर्स की स्थापना होती चली गई।

और भारत की तिहाड जेल, बडौदा जेल अन्य कई जेलो में कैदियो को सद्मार्ग पर लाने के लिए विपश्यना शिविर लगाये गये और सकारात्मक परिणाम सामने आये। कैदियो को अपनी गलतियो का एहसास हुआ और उन्होने फिर कभी उसे न करने का प्रण किया। यही तो हम करना चाहते हैं और यही वास्तविक सुधार है।

विपश्यना मेडीटेसन सेन्टर में दैनिक दिनचर्या

विपश्यना के हर मेडीटेसन सेन्टर्स में निम्न लिखित दिनचर्या का पालन होता है–

4.00 AM – सुबह सो कर जागना
4.30 AM TO 6.30 AM – धम्मा हॉल में मेडीटेसन
6.30 AM TO 7.15 AM – नास्ता
7.15 AM TO 8.00 AM – विश्राम
8.00 AM TO 9.00 AM – धम्मा हॉल में मेडीटेसन
9.00 AM TO 11.00 AM – धम्मा हॉल में मेडीटेसन (1 घंटा पूरा होने पर 5- मिनट का वाश्राम)
11.00 AM TO 11.45 AM – भोजन11.45 AM TO 1.00 PM – विश्राम

1.00 PM TO 2.10 PM- धम्मा हॉल में मेडीटेसन
2.10 PM TO 2.30 PM – विश्राम
2.30 PM TO 3.30 PM – धम्मा हॉल में मेडीटेसन
3.30 PM TO 5.00 PM – धम्मा हॉल में मेडीटेसन (1 घंटा पूरा होने पर 5- मिनट का वाश्राम)
5.00 PM TO 5.30 PM – चाय नाश्ता/जलपान
5.30 PM TO 6.00 PM – टहलना/ विश्राम
6.00 PM TO 7.00 PM – धम्मा हॉल में मेडीटेसन
7.00 PM TO 8.30 PM – Video Lecture By Shri S. N. Goyenka
8.30 PM TO 9.00 PM – धम्मा हॉल में मेडीटेसन
9.00 PM TO 9.30 PM – प्रश्नोत्तर बेला/Question Answer Period
9.30 PM – सो जाना

विपश्यना मेडीटेसन सेन्टर के नियम व शर्ते

अगर आप विपश्यना मेडीटेसन सेन्टर पर मेडीटेसन के लिए जाते है ,तो आपको कुछ नियमो का पालन करना होगा जो इस प्रकार हैं–

  1. आर्य मौन – आपको 10 दिन तक किसी से भी बात नही करनी है। ( न मुँह से ,न इशारों से , और न ही लिखकर)
  2. रात्रि भोजन नही- यहाँ आपको 2 बार नाश्ता और 1 बार खाना मिलेगा पर रात्रि में भोजन नही मिलेगा।
  3. आप अपने साथ मोबाईल, कोई electronic item ,कोई किताब, पैन , कागज आदि नही रख सकते।
  4. शील पालन- यहाँ 10 दिन तक आपको पंचशील का पालन करना पडेगा ,

जो इस प्रकार हैं—

  1. सत्य- आपको 10 दिन तक झूठ नही बोलना है।
  2. अहिंसा- आप 10 दिन तक किसी भी जीव जन्तु को मारेंगे और परेशान नही करेंगे। यहाँ तक की आप मच्छर भी नही मार सकते।
  3. अस्तेय- 10 दिन तक आप किसी प्रकार की कोई चोरी नही करेंगे। यहाँ तक की सेन्टर की फूल पत्ती भी नही तोड सकते।
  4. ब्रम्हचर्य- 10 दिन आप opposite sex से दूरी बनाकर रखेंगे।
  5. नशा न करना- 10 दिन आप किसी भी प्रकार का कोई नशा नही करेंगे।

10 दिन में आप क्या-क्या सीखेंगे ?

DAY-1 = अपनी आती जाती स्वाभाविक साँस पर ध्यान देना। ( आनापाना साधना)

DAY-2 = अपनी आती जाती स्वाभाविक साँस पर ध्यान देना। नाक के किस सुरसे साँस अन्दर आ रही दाँये से बाँये से या फिर दोनो से। इस पर ध्यान देंगे।( आनापाना साधना)

DAY-3 = अपनी आती जाती स्वाभाविक साँस पर ध्यान देना। नाक के किस सुर से साँस अन्दर आ रही दाँये से बाँये से या फिर दोनो से। इस पर ध्यान देंगे। नाक के अन्दर साँस कहाँ-कहाँ टकरा रही है, इस पर ध्यान देंगे। सम्पुर्ण नाक मे होने संवेदनाओ पर ध्यान देंगे।( आनापाना साधना)

DAY-4 = अपनी मूछ वाली जगह पर होने वाली संवेदनाओ पर सारा ध्यान देना।( आनापाना साधना)

DAY-5 = विपश्यना की दीक्षा। अपने सिर से लेकर पैर तक शरीर के प्रत्येक अंग मे से अपना मन गुजारना और उसमें होने वाली संवेदनओ पर ध्यान देना।(विपश्यना साधना)

DAY-6 = अपने सिर से लेकर पैर तक शरीर के प्रत्येक अंग मे से एक-एक करके अपना मन गुजारना और उसमें होने वाली संवेदनओ पर ध्यान देना।(विपश्यना साधना)

DAY-7 = अपने सिर से लेकर पैर तक और अपने पैर से लेकर सिर तक शरीर के प्रत्येक अंग मे से अपना मन गुजारना और उसमें होने वाली संवेदनओ पर ध्यान देना।(विपश्यना साधना)

DAY-8 = अपने शरीर के कई अंगो में से एक साथ अपने मन को गुजारना और उसमें होने वाली संवेदनओ पर ध्यान देना।(विपश्यना साधना)

DAY-9 = अपने सारे शरीर में एक साथ एक जैसी संवेदनाओ की धारा प्रवाह का अनुभव करना।

DAY-10 = अपने शरीर के भीतरी अंगो में से भी अपने मन को गुजारते हुए होने वाली संवेदनाओ पर ध्यान देना। अपनी रीढ की हड्डी में से अपना मन नीचे से ऊपर गुजारते हुए होने वाली संवेदनाओ पर ध्यान देना। (विपश्यना साधना)

NOTE- संवेदनाये अच्छी भी होंगी और बुरी भी। आपको न तो अच्छी को साथ राग करना है और न बुरी के साथ द्वेश। आपको समता बनाये रखनी है। और जानना है कि ये सारी संवेदनायें अनित्य(Impermanent) है।

आने वाली समस्यायें और परेशानियाँ

दोस्तो आपको इन 10 दिन में कई तरीके की समस्यायें भी आयोंगी, पर आपको इन सबका डट कर सामना करना होगा। बाद में सब कुछ ठीक हो जाता है।

  • आपको लगातार 10-11 घंटे पैर मोड़कर और रीढ की हड्डी सीधी करके बैठने में परेशानी होगी।
  • अगर आप ज्यादा बोलते है तो आपको मौन रहने में परेशानी होगी।
  • अगर आप को ज्यादा खाने की आदत है, तो आपको परेशानी हो सकती है क्योंकि रात में आपको खाना नही मिलेगा।
  • आपको आपके शरीर और मन के अनुसार और भी कई तरीके की परेशानियाँ आ सकती है।
  • अगर आपको प्याज,लहसुन का खाना खाने की आदत तो आपको परेशानी हो सकती है क्योकि यहाँ पर शुद्ध शाकाहारी खाना ( बिना प्याज,लहसुन,अदरख का ) मिलता है।

पर अगर आप अपने मन को मजबूत बना लेंगे तो सारी परेशानियाँ अपने आप दूर हो जायेंगी।

इसके लिए आवेदन कैसे करें ?

यह मेडीटेसन पूरी तरह निशुल्क (Free) है। आप से इसके लिए कोई पैसा नही लिया जाता है।

विपश्यना के हर मेडीटेसन सेन्टर की अपनी एक Website है। आप उस पर जायें और 10 –Days Course for New Student चुनेंऔर अपना Form भर दें। फिर आपके पास आपकी सीट Confirm होने का mail आ जायेगा, जिसमें एक letter attached होगा, इस letter का print लेकर आपको निश्चित तारीख पर विपश्यना मेडीटेसन सेन्टर पहुँच जाना है।

मेरे विपश्यना के अनुभव

  • अगर आप शान्ति प्राप्त करना चाहते है तो विपश्यना आपके लिए एकदम सही जगह है। मै अशान्त था और विपश्यना में जाकर मुझे बहुत शान्ति मिली।
  • अपने विकारो को दूर करने का तरीका मुझे मिल गया। जससे मैं अपने मन को अपने वश में करना सीख गया।
  • राग द्वेश दूर कर समता में रहना सीख लिया। अब दुख उतना दुखी नही करता जितना पहले करता था।
  • जीवन जीने की एक कला मिल गयी, जिस पर चलकर मैं मुक्त हो सकता हूँ।

विपश्यना आत्मदर्शन की महाविद्या

विपश्यना एक आत्मदर्शन की विद्या है। जिसका अभ्यास करते –करते धीरे-धीरे हमारे नये संस्कार बनना बन्द हो जाते है और फिर पुराने संस्कार भी धीरे-धीरे क्षीण हो जाते है। और इस तरह समता में स्थित होकर आप मुक्ति( निर्वाण) को प्राप्त कर लेते हैं।

विपश्यना के मेडीटेसन सेन्टर्स

विपश्यना के सेन्टर्स इस प्रकार हैं।

World = 199 centres
Asia = 147 Centres
India = 88 Centres

उत्तर प्रदेश के सेन्टर्स की जानकारी मैं यहाँ नीचे दे रहा हूँ-

1- Hastinapur ( Meerut)- Dhamma Sudha Vipassana Centre
2- Kanpur- Dhamma Kalyana Vipassana Centre
3- Kushinagar – Dhamma Kaya Vipassana Centre
4- Lucknow- Dhamma Lakkhana Vipassana Centre
5- Sarnaath- Dhamma Cakka Vipassana Centre
6- Sravasti – Dhamma Suvathi Vipassana Centre

मैने लखनऊ सेन्टर में Course किया था इसलिए उसका Link मैं यहाँ पर दे रहा हूँ– http://www.dhamma.org/en/index

प्रश्न-उत्तर

प्र० 1 – इन 10 दिन तक तो आपने मोबाईल फोन जमा करा लिया, मौन रहने को कह दिया और बाहरी दुनिया से एकदम अलग कर दिया तो सब कुछ शान्त और अच्छा लग रहा है क्या यहाँ से बाहर जाने पर भी ऐसा महसूस हो पायेगा?

उ० –  क्यों नही होगा? आप जिन पंचशील का पालन यहाँ पर कर रहे है, उनका पालन अपने जीवन में हमेशा करेंगे। 10 दिन इस विद्या को ठीक से सीख कर कर सुबह-शाम 1-घंटा इसका अभ्यास करेंगे। और 24- घंटे सजग रहकर साक्षी भाव से अपने शरीर की संवेदनाओ को और बाहर की दुनिया को देखेंगे।

और यदि आप ऐसा नही करेंगे तो आप अपने में कोई परिवर्तन नही पायेंगे बल्कि इस बात का अंहकार और पाल लेंगे कि मैने तो विपश्यना कर ली है मैं अब औरो से अलग हो गया हूँ। इसलिए अभ्यास करते रहे और यदि कोई समस्या आये तो आप Mail कर सकते हैं या पत्र भी लिख सकते हैं।

प्र० 2 – विपश्यना करने के बावजूद भी यदि मन में कोई विकार आये तो मैं क्या करूँ?

उ० – इसके लिए आपको 24 घंटे सजग रहना है। जैसे ही कोई विकार आपके मन में आने का प्रयास करे आप अपने शरीर में होने वाली संवेदनाओ पर ध्यान देने लगेंगे। आप देखेगे कि कुछ देर में विकार चला गया। अगर विकार चला गया तो वह अनित्य ( Impermanent ) है। और अगर वो अभी तक बना हुआ है तो इसका कारण यह है कि उसका संस्कार हमारे मन पर बना हुआ है। इस क्रिया के अभ्यास से धीरे-धीरे वह भी खत्म हो जायेंगे।

प्र०  3 – क्या Vipassna करने के बाद मुझमे परमानेंट चेंज आ जायेगा ?

उ० – आप इस संसार में किसी भी व्यक्ति को तब तक नही बदल सकते जब तक वह खुद अपने आप को न बदलना चाहता हो। यह person to person depend करता है कि उसमें परमानेंट चेंज आया है या नही। अगर मैं अपनी बात करू तो मुझमें change आया है। यह change permanent हो इसके लिए यह जरूरी है कि मैं इसका लगातार अभ्यास करता रहूँ। जो कि मैं करूँगा।

अंत में मैं एक बार फिर कहूँगा कि विपश्यना कहने, सुनने या पढने की बात नही है, यह अनुभव की बात है।  इस Meditation का सार केवल 2 – बातों में है-

  • अभ्यास ( Practice )
  • हमेशा सजग रहना

दोस्तो तो यह था, विपश्यना साधना से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी।

जीवन में यदि 10 दिन का समय अपने आप को जानने के लिए, अपने कल्याण के लिए निकाल सकें तो इसे जरूर करें।

“भवतु सर्व मंगलम”

सभी का मंगल हो, सभी का कल्याण हो, संसार के सभी व्यक्ति मुक्त हों।

सुधांशुलान इंजिनियर 




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