नगरपालिका के विरोध में उतरे उद्योगपति
Type Here to Get Search Results !

नगरपालिका के विरोध में उतरे उद्योगपति

उद्यमी बोले जब औद्योगिक क्षेत्र में साफ सफाई ही नहीं कराई जाती तो फिर टैक्स कैसा

मंडीदीप से केशव सुनील की रिपोर्ट

रायसेन जिले के शहर मंडीदीप के स्थानीय नगर पालिका प्रशासन ने औद्योगिक क्षेत्र में संचालित कारखानों पर स्वच्छता कर नाम का एक और टैक्स थोप दिया है। इस कर के अंतर्गत उद्योगोंसे हर महीने पांच सौ रुपए माने वर्ष भर में प्रति उद्योग 6 हजार रुपए वसूले जाएंगे। यह नया टैक्स लगाने से उद्योगपति भड़क गए हैं और उन्होंनेलामबंद होकर नपा प्रशासन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। इसी के अंतर्गत पिछले दिनों वे एमपीआईडीसी के ईडी और एमडी के साथ उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव तक से मिलकर अपना विरोध जता चुके हैं। उद्योगपतियों का कहना है कि जबऔद्योगिक क्षेत्र में नगर पालिका साफ सफाई ही नहीं कराती तो फिर टैक्स वसूलने का क्या औचित्य है। वहीं नपा प्रशासन अपने आदेश पर अडिग बना हुआ है। इसी तरह का यूजर चार्ज शहर के 26 वार्डों में निवासरत 9000 भवन स्वामियों से भी वसूला जाएगा। उनसे 10 रुपए प्रति माह की दर से यह टैक्स वसूला जाएगा। बहरहाल नपा द्वारा नया टैक्स लगाए जाने से नपा के खजाने में 500 उद्योगों से अनुमानित करीब 30 लाख रुपए और 9 हजार मकानों से लगभग 10 लाख 80 हजार का राजस्व आएगा। इस तरह नपा को स्वच्छता कर के रूप में ही साल भर में 40 लाख80 हजार की आय प्राप्त होगी।

एमपीआईडीसी के ईडी और एमडी से लेकर उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव को ज्ञापन सौंप कर जताया विरोध

मालूम हो कि औद्योगिक क्षेत्र करीब 3500 एकड़ में फैला हुआ है। जहां करीब 700 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग स्थापित हैं। हालांकि इनमें से 500 चालू हालत में है। मंडीदीप इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके जैन बताते हैं कि फिलहाल स्थानीय नपा प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र में नियमित साफ-सफाई नहीं कराईजाती। जिसको लेकर उद्योगपति आए दिन  नगरीय प्रशासन और उद्योग विभाग के अधिकारियों से शिकायत करते आए हैं । इसके बाद भी नपा ने नया टैक्स लगादिया। हम उद्योगपति पहले से ही एकेवीएन और नपा के दोहरे टैक्स की मार झेल रहे हैं। सफाई ना कराने के बाद भी अब यह टेक्स लगाने का क्या औचित्य है । वहीं एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष मनोज मोदी का कहना है किक्षेत्र में नपा ना तो सड़क बनाती है, ना उनका रखरखाव करती है और ना ही प्रकाश व्यवस्था करती है। फिर भी उद्योगों से साफ सफाई के नाम पर स्वच्छताकर वसूला जा रहा है। जिसका हमारी एसोसिएशन ने कड़ा विरोध करते हुए एमपीआईडीसी के ईडी ऋषि गर्ग एमडी जॉन किंग्सली के साथ उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला को ज्ञापन सौंपकर यह कर समाप्त करने की मांग कीहै।

क्या है मामला –

उल्लेखनीय है कि नपा ने बीते वर्ष के आखिर में 24 दिसंबर को परिषद की बैठक आयोजित की थी। जिसमें शहरवासियों के साथ उद्योगों से यूजर्स चार्ज लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव के अनुसार घरों से 10 रुपए और उद्योगों से 500 रुपए प्रतिमाह स्वच्छता कर लगाने के प्रस्ताव को परिषद ने हरी झंडी दी थी। इस प्रस्ताव के बाद नपा की राजस्व शाखा ने उद्योग प्रबंधकों को स्वच्छता कर वसूलने के नोटिस दिए तो औद्योगिक क्षेत्र मेंहड़कंप मच गया। उद्यमी इस प्रस्ताव के विरोध में लामबंद हो गए और उन्होंने अपनी नाराजगी से नपा अधिकारियों को भी अवगत कराया। इसके बाद इसी वर्ष 30 जून को परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव पुनरावलोकन के लिए लाया गया। परंतु परिषद ने पूर्व अनुसार दरें यथावत रखते हुए उद्योगों के यूजर चार्ज मेंकिसी तरह की कमी ना करने के प्रस्ताव का संकल्प सर्वसम्मति से पारित किया। इसके बाद उद्योगों को दोबारा नोटिस जारी कर 30 नवंबर तक यह टेक्स जमा करने को कहा गया है। टैक्स जमा नहीं करने की स्थिति में 7 प्रतिशत की दर से अधिभार चुकाना होगा।

उद्योग अभी एकेवीएन और नगर पालिका को कौन-कौन सा टैक्स देते हैं –

एकेवीएन और नगर पालिका से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के उद्यमियों द्वाराएकेवीएन को मेंटेनेंस चार्ज के साथ लीज रेंट दिया जाता है। जबकि नगर पालिका को संपत्ति कर के साथ शिक्षा उपकर सहित अन्य कर उद्योगों द्वारा दिए जाते हैं।

इनका कहना है - स्वच्छता कर लगाए जाने का निर्णय परिषद का है। नियमानुसार ही उद्योगों से यह कर लिया जा रहा है। - केएल सुमन, नपा सीएमओ, मंडीदीप

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Bhopal

4/lgrid/Bhopal
----------------NEWS Footer-------------------------------- --------------------------------CSS-------------------------- -----------------------------------------------------------------