रोडवेज के कैथल डिपो ने वर्कशॉप के ड्यूटी सेक्शन में दो वरिष्ठ चालकों को नियुक्ति दी है, जो वर्कशॉप में आने वाली बसों को ठीक होने के बाद उनकी फिटनेस जांचेंगे। चालक द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद ही बस रूट पर जाने के लिए वर्कशॉप से बाहर निकलेगी। विभाग की इस पहल से रोडवेज बसों के हादसों में कमी आने की उम्मीद है क्योंकि इससे पहले वर्कशॉप के ड्यूटी सेक्शन में कंडक्टरों को नियुक्ति मिलती थी।
मैकेनिक द्वारा बस ठीक करने के बाद कंडक्टर ही जांच करते थे कि बस में जो तकनीकी खामियां थी, वो ठीक हो चुकी है या नहीं। जांच करने के बाद कंडक्टर ड्राइवर को बताते हैं कि बस रूट पर जाने के लिए फिट हो चुकी है। चालक की तुलना में कंडक्टर को बस का तकनीकी ज्ञान कम होता है जिसका खामियाजा बस में बैठने वाली सवारियों व रोडवेज को भुगतना पड़ता। डीआई सेक्शन से हरी झंडी मिलने के बाद ड्राइवर बस को रूट पर ले जाता तो बस में कई बार क्लच, ब्रेक या अन्य कोई समस्या मिलती। ऐसे मामलों में बस रास्ते में ही खड़ी करनी पड़ती या दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाती।
इन समस्यों को देखते हुए चालकों की मांग रहती थी कि वर्कशॉप में चालकों को नियुक्ति दी जाए। इस मांग को पूरा करते हुए निदेशालय ने 6 महीने पहले सभी महाप्रबंधकों को डीआई सेक्शन में चालकों की ड्यूटी के आदेश दिए थे। इसी सप्ताह हरियाणा रोडवेज चालक संघ के जिला प्रधान ने कैथल डिपो के जीएम से मांग की थी कि डीआई सेक्शन में चालकों को नियुक्ति दी जाए।
खामियों की वजह से हादसा हुआ तो डीआई सेक्शन का चालक जिम्मेदार
डीआई सेक्शन में तैनात चालक बस को ठीक होने के बाद जांच करेंगे कि जॉब कार्ड में बस के अंदर जो खामियां बताई गई थी, मैकेनिक ने वे दूर की है या नहीं। क्लच, ब्रेक आदि की जांच पूरी होने के बाद डीआई सेक्शन में तैनात चालक रूट पर जाने वाले ड्राइवर को बताएगा कि बस पूरी तरह फिट है। जो खामियां थी, वे ठीक हो चुकी हैं। उसके बावजूद उक्त खामियों की वजह से हादसा हुआ तो क्लियरेंस देने वाला ड्राइवर ही हादसे का जिम्मेदार होगा।
निदेशालय ने ये दिए थे आदेश
25 फरवरी को निदेशालय राज्य परिवहन ने सभी महाप्रबंधकों को आदेश दिए थे कि ड्यूटी सेक्शन में दो वरिष्ठ चालकों की ड्यूटी लगाई जाए। ये सुनिश्चित करें कार्यशाखा में लगाए गए चालक रूट पर जा रही बसों का निरीक्षण पूर्व में भरे जॉब कार्ड अनुसार करेंगे। कार्यशाला द्वारा जॉब कार्ड में बसों में दर्शाई खामियों को ठीक कर दिया है या नहीं और बस फिट है या नहीं। यदि खामियों के कारण बस खराब हो जाती है तो लगाए गए चालकों की जिम्मेदारी निर्धारित करें।
हमने सोमवार को जीएम से मिलकर मांग की थी कि डीआई सेक्शन में ड्राइवरों की ड्यूटी लगाई जाए। जीएम अजय गर्ग ने तुरंत ही डीआई कमलजीत को डीआई सेक्शन में दो ड्राइवरों की ड्यूटी लगाने के लिए बोला जिसके आदेश जारी हो गए हैं। ड्राइवरों को बस का तकनीकी ज्ञान ज्यादा होता है। चालक मैकेनिक से फिटनेस लेकर गेट आउट करवाएंगे। इससे रोडवेज के सड़क हादसों में कमी आएगी। इसके लिए संघ की ओर से जीएम व टीएम का आभार जताते हैं। अनिल शर्मा, प्रधान हरियाणा रोडवेज चालक संघ
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from KAPS Krishna Pandit
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