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बाबू अनंत राम जनता कॉलेज, कौल के आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन प्रकोष्ठ एवं ग्लोबल हिंदी-साहित्य शोध-संस्थान के संयुक्त तत्वावधान एवं उच्चतर शिक्षा निदेशालय हरियाणा, पंचकूला द्वारा प्रायोजित नई शिक्षा नीति 2020 विविध आयाम विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। ये कार्यक्रम डाॅ. नीता खन्ना कुलपति, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र की अध्यक्षता में किया गया। इस राष्ट्रीय वेबिनार में भारत से अनेकों मूर्धन्य विद्वानों सहित असंख्य साहित्य-प्रेमियों एवं शोधार्थियों ने सक्रिय भाग लिया।
प्रथम उद्घाटन सत्र में उपस्थित विद्वानों का वाचिक अभिनंदन महाविद्यालय के प्राचार्य, डाॅ. बलबीर सिंह द्वारा और कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभागाध्यक्ष एवं वेबिनार के संयोजक डाॅ. ऋषिपाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य-अतिथि हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने अपने वक्तव्य में नई शिक्षा नीति 2020 संबंधित परियोजनाओं से परिचित कराते हुए कहा की नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रत्येक स्कूल में प्राथमिक शिक्षा वहां की मातृभाषा में प्रदान की जाएगी।
उन्होंने अपने वक्तव्य के अंत में यह भी कहा कि हमें अपनी संस्कृति, संस्कार व मूल से जुड़ना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता डाॅ. मारकंडेय आहूजा, कुलपति, गुरुग्राम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम ने नई शिक्षा नीति 2020 की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये पहली नीति है जो सरकार द्वारा आरोपित न हो करके जन-जन द्वारा अनुमोदित नीति है उन्होंने कहा कि इस भौतिक संसार में परिवर्तन परम आवश्यक है, जो हमने पहले सीखा है वह मार्गदर्शन हो सकता है परंतु जीवन में कुछ नया सीखना या कुछ नया परिवर्तन ही शिक्षा है ।
कार्यक्रम के द्वित्तीय मुख्य-वक्ता प्रोफेसर आर.के. मित्तल कुलपति, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी, हरियाणा नई शिक्षा नीति पर परिचर्चा करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी, समाज और राष्ट्र कैसा हो यह सब शिक्षा पर निर्भर करता है। 34 वर्षों के बाद हुआ यह परिवर्तन अवश्य ही विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करता हुआ भारत को विश्वगुरु के पद पर पुन: स्थापित करेगा। उन्होंने समाज में फैली हुई कुरीतियों के बारे में विचार करते हुए कहा की विश्वविद्यालय को समाज की समस्याओं के ऊपर भी शोध कार्य करवाना चाहिए ताकि शोध से एक परिशुद्ध समाधान निकल कर सामने आए।
वेबिनार के मुख्य अध्यक्षा डॉ. नीता खन्ना, कुलपति, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र ने कहा की नई शिक्षा नीति ज्ञान विज्ञान की आवश्यकताओं के अनुरूप है। ये निश्चय से ही सभी का शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास करते हुए भारत को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देगी। कार्यक्रम का समापन, डाॅ. कामराज सिन्धु, चेयरमैन, ग्लोबल हिंदी साहित्य शोध संस्थान, के द्वारा वेबिनार में उपस्थित सभी मूर्धन्य विद्वानों एवं प्रतिभागियों के धन्यवाद ज्ञापन द्वारा संपन्न हुआ। अंत में डाॅ. ऋषिपाल संयोजक एवं अध्यक्ष, हिंदी-विभाग द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य विद्वानों एवं संयोजक टीम का का धन्यवाद किया। महाविद्यालय प्रबंधक-समिति के प्रधान चौधरी तेजवीर सिंह ने सफल कार्यक्रम की प्राचार्य एवं आयोजक मंडल को शुभकामनाएं दी।
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from KAPS Krishna Pandit
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