नीलगाय के शिकार के बाद खाल और मांस निकाल रहे थे, गांव वालों ने पहले धुना फिर विभाग को सौंपा
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नीलगाय के शिकार के बाद खाल और मांस निकाल रहे थे, गांव वालों ने पहले धुना फिर विभाग को सौंपा

गांव एमपी रोही में नीलगाय का शिकार करने के बाद उसकी खाल व मांस निकालते हुए दो व्यक्तियों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया। मामले की सूचना वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों व पुलिस कर्मचारियों को दी गई। कर्मचारियों ने दो आरोपियों को पकड़कर कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपियों की पहचान गांव एमपी रोही निवासी के मोहन बांवरी व जलाराम के रूप में हुई है।

मौके से तेजधार हथियार, टॉर्च व अन्य सामान बरामद हुआ है। गांव एमपी रोही निवासी शेंषकरण के पास किसी का फोन आया कि ढाणी माजरा रोड़ पर गोली चली है। इसके बाद शेषकरण मौके पर पहुंचा। जहां उन्होंने देखा कि दो व्यक्तियों ने नीलगाय का शिकार किया हुआ था। उसकी खाल व मांस निकाल रहे थे। उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया।

शराब के नशे में शिकार किया, मौके से एक फरार
ग्रामीणों ने जब मौके पर दोनों आरोपियों को पकड़ा तो दोनों शराब के नशे में थे। एक व्यक्ति मौके से भागने में कामयाब हो गया। नीलगाय के अलग- अलग हिस्से किए हुए थे। यह देखकर ग्रामीणों काबू में आए एक व्यक्ति की खूब धुनाई की।

जानिए... इसलिए मारा था
मामले की सूचना वन्य प्राणी विभाग के इंस्पेक्टर राजबीर को मिली तो वह मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने दोनों आरोपियों से पूछताछ की व नीलगाय का खाल व मांस का क्या करते थे। आरोपियों ने बताया कि वे मांस को खाने के लिए ले जा रहे थे। इसलिए उन्होंने शिकार किया था। वह किसी को बेचते नहीं थे।

अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रदेशाध्यक्ष ने लिखा पत्र
1. अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रदेशाध्यक्ष विनोद कड़वासरा ने वन्य जीव विभाग के निरीक्षक को पत्र लिखकर कहा है कि उक्त पकड़े गए दोनों आरोपियों पर आर्म्ज एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। अगर इस एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की जाती तो पशु क्रुरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए।
2.यह पता लगाया जाए कि आरोपी कहीं होटलों में तो नीलगाय के मांस की सप्लाई नहीं कर रहे हैं।
3. अगर नीलगाय का शिकार टोपीदार बंदूक से किया गया है तो सभी टोपीदार बंदूक के लाईसेंस रद्द किए जाएं। वहीं यह पता लगाया जाएं कि अगर लाईसेंस नहीं है तो टोपीदार बंदूक बनाने वालों को पकड़े।

चार दिन पहले नागपुर में भी हुआ था नीलगाय का शिकार
बता दें कि चार दिन पहले नीलगाय का शिकार नागपुर इलाके में भी हुआ था, लेकिन अभी तक आरोपी पुलिस व वन्य प्राणी विभाग के गिरफ्त में नहीं आए। बता दें कि गांव बड़ोपल व उसके आस- पास के इलाकों में भारी संख्या हिरणों व नीलगाय का वास है। इसलिए हमेशा यहां हिरणों का शिकार होने का खतरा बना रहता है।

पुलिस को शिकायत दे दी गई : इंस्पेक्टर राजबीर
नीलगाय को मारने वालों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी गई है। वहीं नीलगाय का पोस्टमार्टम भी करवा दिया गया है। एक आरोपी ओर इस मामले में शामिल था। जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा। पकड़े गए आरोपी से पूछताछ की जा रही है।'' राजबीर, इंस्पेक्टर, वन्य प्राणी विभाग।



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फतेहाबाद। नीलगाय मारने के आरोपी।


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