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सावन माह का पांचवां और अंतिम सोमवार व्रत तीन अगस्त पूर्णिमा तिथि को है। इसी दिन श्रवण माह एवं सोमवार व्रत का उद्यापन भी किया जाएगा। शिवलिंग पर बिल्वपत्र अवश्य चढ़ाना चाहिए। क्योंकि यह भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है। मान्यता है कि तीन पत्तियों से युक्त एक बिल्वपत्र तीन जन्मों के पापों का नाश करता है। जिसके चढ़ाने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
जाेगीवाला शिव मंदिर महंत वेदनाथ महाराज ने बताया कि शिव पुराण के अनुसार जो भी सावन माह में सोमवार का श्रद्धापूर्वक व्रत करता है, भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। शिव-पुराण के अनुसार सावन माह में शिव शक्ति अर्थात देवी के साथ भू-लोक में निवास करते हैं। अतः शिव के साथ माता की भी पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव और विष्णु का आशीर्वाद लेकर आता है। इस श्रावण का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि सावन का प्रथम दिन भी सोमवार रहा और अन्तिम दिन रक्षाबंधन वाले दिन भी सोमवार ही है। इस वर्ष सावन में पांच सोमवार का अति शुभ योग है। ज्योतिष शास्त्र में सोमवार का संबंध चंद्र से बताया गया है जो भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान है।
प्रबल चंद्रमा के चलते जातक मानसिक रूप से सुखी रहता है। मनोस्थिति मजबूत होती है। वह विचलित नहीं होता। अपने विचार व फैसलों पर जातक संदेह नहीं करता है। चंद्रमा कमजोर होने पर जातकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिस कारण जातक को निराशा का सामना करना पड़ता है। इस निराशा को एवं चंद्र को मजबूत करने के लिए भगवान शिव की सोमवार को पूजा बताई जाती है।
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