लॉकडाउन में पेरोल पर बाहर आया एक गैंग का सदस्य आरोपी अमरजीत अफीम बेचने का काम कर रहा था। पुलिस ने अमरजीत व उसको दो साथियों को 200 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया। तीनों को कोर्ट में पेश करके एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। बाजार में अफीम की कीमत 1 लाख रुपए के करीब है।
पुलिस अधीक्षक हांसी लोकेंद्र सिंह के दिशा निर्देशानुसार नशा तस्करों के खिलाफ जिला भर में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत सीआईए हांसी की टीम ने तीन आरोपियों को अफीम सहित गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान खरड़ निवासी अमरजीत उर्फ देसड, संदीप उर्फ मोनू, जींद के डोहला निवासी नरेंद्र के रूप में हुई। सीआईए की टीम को मुखबिर ने बताया कि एक सैंट्रो कार में नशे की खेप आएगी। कार सिसाय काली रावण से महजत की तरफ जाएगी।
सीआईए ने मुखबरी के आधार पर नाकाबंदी शुरू की। इतनी ही देर में उपरोक्त गाड़ी आई। जिसको रुकवा कर पूछताछ की गई और नशीला पदार्थ होने का शक जाहिर किया गया। डीएसपी धर्मवीर सिंह को मौका पर बुलाया गया और फिर तलाशी ली गई। कार सवार लोगों के कब्जे से 200 ग्राम अफीम बरामद हुई। गिरफ्तार आरोपी अमरजीत उर्फ देसड एक मामले में 20 साल की सजा भुगत रहा है और पैरोल पर आया हुआ था। उसके खिलाफ हांसी, फतेहाबाद व अन्य जगहों पर लगभग हत्या, लूट, डकैती, आर्म्स एक्ट सहित 10 मुकदमे दर्ज हैं। वह कभी अजीत थुराना गैंग में काम करता था। पुलिस ने इन सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 1 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। रिमांड के दौरान सीआईए पूछताछ करेगी कि अफीम कहां से लेकर आए थे और कहां सप्लाई करना था।
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