जिले में इस बार खरीद का कार्य बड़ा चुनौतीपूर्ण था। लॉकडाउन के कारण खरीद सीजन लंबा चला, लेकिन अब स्थिति यह है कि खराब फसल प्रबंधन के कारण मंडी व गोदामों में गेहूं खराब हो रहा है। जिले में शुक्रवार को कई क्षेत्रों में बारिश हुई। इस कारण गोदामों और मंडी में खुले आसमान के नीचे रखा गेहूं भीग गया। आढ़तियों ने तिरपाल ढककर बचाने का प्रयास किया। इसके बावजूद गेहूं के नीचे से पानी चले जाने से इसके खराब होने की आशंका बढ़ गई है।
6 जून शनिवार को गेहूं खरीद का अंतिम दिन है। इसके बाद कोई खरीद नहीं होगी। खरीद से एक दिन पहले गेहूं का भीगना खराब प्रबंधन की पोल खोल रहा है। पिछले दिनों बूंदाबांदी होने से भी मंडी में रखा गेहूं प्रभावित हो गया था। अब जैसे-जैसे गेहूं के ढेर उठ रहे हैं, तब नीचे गला सड़ा गेहूं सामने आ रहा है। कुछ ने तो इनको समेट कर अलग कर दिया, जबकि कुछ अन्य इसे कट्टों में भरकर गोदाम ले जाने की फिराक में हैं। हालांकि मंडी में अब अधिक मात्रा में गेहूं नहीं है, लेकिन खुले आसमान नीचे रखे गेहूं को बचाने के भरसक प्रयास के बावजूद गेहूं की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
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