
(मनोज कुमार) प्रदेश में गोहाना व हांसी को जिला बनाने की तैयारी हो रही है। वहीं, महेंद्रगढ़ जिले का नाम बदलकर नारनौल किया जा सकता है। इसे लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता वाली कमेटी ने काम शुरू कर दिया है। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर व सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल सदस्य इस कमेटी के सदस्य हैं। बुधवार को कमेटी की पहली बैठक में शामिल 8 एजेंडों पर गहन मंथन हुआ। यदि दो नए जिले बनते हैं तो प्रदेश में जिलों की संख्या 24 हो जाएगी।
महेंदगढ़ से धीरे-धीरे सभी जिला कार्यालय पहले ही नारनौल शहर में शिफ्ट किए जा चुके हैं। जिला सचिवालय भी यहीं बना हुआ है और डीसी-एसपी भी यहीं बैठते हैं। इसी प्रकार हांसी को सरकार पहले ही पुलिस जिला घोषित कर चुकी है। वहां एसपी की तैनाती की हुई है। गोहाना को जिला बनाने की मांग भी लगातार उठती रही है। कुछ समय पहले ही एफसीआर ने सोनीपत जिले के डीसी से गोहाना को लेकर पूरी रिपोर्ट भी मांगी थी। कमेटी इन सभी 8 प्रस्तावों पर गहन मंथन कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। 10 अप्रैल को गठित इस कमेटी का कार्यकाल 9 जुलाई तक है। ऐसे में कमेटी जल्द अपनी सरकार को सौंप सकती है। संभावना है कि यदि मॉनसून सत्र हुआ तो इन प्रस्तावों में से कुछ पर सरकार मुहर लगा सकती है। सूत्रों कहना है कि यदि सरकार इनमें किसी भी प्रस्ताव पर मुहर लगाती है तो वह अप्रैल 2021 से लागू होगा। तब तक संबंधित जिला, उपमंडल, तहसील आदि की पूरी तैयारी कर ली जाएगी।
दौहड़ा अहीरान को उपतहसील बनाने की मांग उठती रही है। इसका प्रस्ताव भी कमेटी के एजेंडे में है। बवानीखेड़ा अभी तहसील है। इसे उपमंडल का दर्जा मिल सकता है। इसके अलावा मलिकपुरा, डींगरा, नौरंग और बनवाल गांव को कालांवाली से डबवाली उपमंडल में लाया जा सकता है। नूंह जिले के उपमंडल तावड़ू से 30 ग्राम पंचायतों को गुड़गांव जिले के सोहना उपमंडल में शामिल किए जाने का प्रस्ताव भी आया है।
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