शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने
जिले में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
रायसेन -जिले में आगामी त्यौहारों तथा कानून व्यवस्था संबंधी स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए लोक प्रशांति बनाए रखने एवं मानव जीवन, आम जनता के जानमाल की सुरक्षा के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री उमाशंकर भार्गव ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से 16 मार्च 2020 तक प्रभावशील रहेगा।
कलेक्टर श्री भार्गव द्वारा जारी आदेश के तहत आग्नेयास्त्रों एवं अन्य घातक हथियारों लाठी, बल्लम, फर्सा, मुगदल आदि को साथ लेकर चलने, उनका प्रदर्शन करना प्रतिबंधित है। यह प्रतिबंध कानून व्यवस्था में संलग्न पुलिस, कार्यपालिक दण्डाधिकारियों एवं अन्य लोक सेवकों पर लागू नहीं होगा। प्रतिबंध की अवधि में रैली, वाहन रैली, जुलूस, धरना विरोध का सामूहिक प्रदर्शन, चक्काजाम जैसी गतिविधियां नहीं की जाएगी लेकिन पारम्परिक त्यौहारों में जुलूस के लिए अनुभाग क्षेत्र के अंतर्गत अनुविभागीय दण्डाधिकारी/कार्यपालिक मजिस्ट्रेट से नियमानुसार अनुमति लेकर किया जा सकेगा।
इसी प्रकार भीड़ का सार्वजनिक स्थान पर एक होना, भीड़ बनकर चलना, धार्मिक स्थलों अथवा अन्य स्थानों पर कोई भड़कीले भाषण अथवा राजनैतिक चर्चा को वर्जित किया गया है। धार्मिक स्थलों का दुरूपयोग अधिनियम 1988 के तहत भी कार्यवाही की जाएगी। इसी प्रकार धार्मिक, सामाजिक प्रतिक्रिया, बयानबाजी, टीका टिप्पणी के साथ ही किसी भी प्रकार की फब्ती/व्यंग्य आदि किया जाना भी प्रतिबंधित किया गया है। फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर सहित अन्य सोशल इंटरनेट साईट्स पर आपत्तिजनक अथवा उद्वेलित करने वाली फोटो, चित्र, मैसेज, साम्प्रदायिक मैसेज आदि को पोस्ट करने, उनको फारवर्ड करने, उन पर कमेंट, क्रास कमेंट, लाईक्स करना भी तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है। किसी भी समुदाय के विरूद्ध प्रदर्शन करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। कोई भी मकान मालिक किराएदार या पेईंगगेस्ट का विवरण संबंधित थाने में प्रस्तुत करने के बाद ही अपना मकान या उसका कोई भाग किराए पर देगा। इसी प्रकार कोई भी धर्मशाला, लॉज संचालक उनके परिसर में स्थित किसी भी कक्ष का उपयोग किसी भी व्यक्ति को जब तक नहीं करने देंगे जब तक कि निर्धारित फार्म में व्यक्तिगत जानकारी रजिस्टर में दर्ज न कर लें तथा प्रतिदिन इसकी जानकारी निकटतम थाने को आवश्यक रूप से उपलब्ध कराना होगा। होटल, लॉज, धर्मशाला तथा रिसोर्ट संचालक की जबावदारी होगी कि वह संदिग्ध व्यक्तियों के पाए जाने पर तत्काल निकटतम थाना अथवा पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना देना सुनिश्चित करेगा।
इसी प्रकार छात्रावास संचालकों छात्रावास में रह रहे छात्र-छात्राओं की जानकारी, मकान मालिकों को भवन निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्य में लगे मजदूर, कारीगरों की जानकारी अनिवार्य रूप से संबंधित थाने में उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त निगम अथवा किसी भी कार्यालय के समक्ष भीड़ के रूप में एकत्रित नहीं होने, जिले के सीमा क्षेत्र में बिना विहित अनुमति के परम्परागत धार्मिक तथा सामाजिक कार्यक्रमों के अलावा किसी प्रकार की रैली, आमसभा, जुलूस, धरना प्रदर्शन के आयोजनों को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है। कोई भी व्यक्ति किसी धरना रैली, प्रदर्शन का न तो निर्देशन करेगा, न ही उसमें भाग लेगा और न कोई सभा आयोजित करेगा। यह आदेश पारिवारिक सदस्यों, विवाह समारोह, बारात तथा शव यात्रा पर प्रभावशील नहीं होगा। बिना सक्षम अनुमति के कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं करेगा। इसी प्रकार सोडा वाटर, कांच की बोतलें, ईटों के टुकड़े, पत्थर, पेट्रोल तथा एसिड का संग्रहण एवं साथ लेकर चलना वर्जित रहेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से 16 मार्च 2020 तक जिले की समस्त राजस्व सीमा क्षेत्रों के भीतर प्रभावशील रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
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