बापू चाहते थे समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए ग्राम स्वराज्य 
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बापू चाहते थे समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए ग्राम स्वराज्य 

बापू चाहते थे समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए ग्राम स्वराज्य 

हमारा दायित्व है कि हम गांधीजी के स्वप्न को साकार करें- राजगोपाल


 

बैतूल। गांधीजी चाहते थे कि जब भारत अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा पाएं तब देश के 7 लाख गांव स्वाबलंबी हो। अर्थात वहां ग्राम स्वराज की स्थापना हो जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिल सके। यह बात राजाजी के नाम से विख्यात जय जगत 2020 विश्व न्याय व शांति यात्रा के सूत्रधार एवं संयोजक राजगोपाल पीवी ने कही।

  उन्होंनें  आगे कहा कि गांधी जी के सपनों के अनुरूप देश में सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक आजादी होना चाहिए। यह हमारा दायित्व है कि हम गांधीजी के स्वप्न को साकार उन्होंने बैतूल जिले के चिचोली में स्वागत के समय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जय जगत शांति यात्रा देश के कई राज्यों से लिए होते हुए मध्यप्रदेश के हरदा जिले से पिछले दिन बैतूल जिले में प्रवेश किया।

  आज पूरे विश्व में शांति और अहिंसा की 10 स्थापना के लिए गांधी बहत ही प्रासंगिक हो गए हैं। सभी यात्रियों ने ग्रामीणों से संवाद कर वहाँ की परिस्थितियों से अवगत हुए। सोमवार को यात्रा 83वें दिन बालाजी सिडनी महाविद्यालय चिचोली से शरू हई। यात्रा में पूर्व सांसद श्रीमती - सांसद सुश्री मीनाक्षी नटराजन भी शामिल हुईं। यात्रा यात्रा के स्वागत में घोडाडोंगरी के विधायक बन ब्रह्मा भलावी, पूर्व विधायक विनोद डागा, जिला योजना समिति गला याजना समिति सदस्य सनील शर्मा एवं सीईओ जिला पंचायत मल त्यागी, तहसीलदार सुश्री लवीना घाघरे उपस्थित रहे।  जय जगत यात्रा 2 अक्टूबर 2019 से शुरू हुई है। महात्मा गांधी और कस्तूरबा के 150 वीं जन्म शताब्दी के वर्ष पूरी दुनिया में शांति और अहिंसा के संदेश को पहुंचाने के लिए यह यात्रा 10 देशों से पैदल यात्रा करते हए 12 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा करेगी।


 

 भारत में 4 महीने चलेगी यह यात्रा  

गरीबी उन्मूलन, असमानता खत्म हो, जलवायु संकट और हिंसा को रोकने जैसे 4 मद्दों को लेकर 50 पदयात्री पूरे साल पैदल यात्रा करेंगे। अगले वर्ष अक्टूबर 2020 को यह यात्रा जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के सामने समाज के आखिरी व्यक्ति के न्याय और पूरी दुनिया में शांति की बात रखेंगे। इस यात्रा में 10 देशों और भारत के 18 अलग अलग राज्यों से पदयात्री इस संदेश के साथ आगे बढ रहे हैं। दुनिया के अलग-अलग देशों के फ्रांस से लैहौंज, स्पेन से काबियर, केन्या से सिडनी, न्यूजीलैंड से बेंजामिन, एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणसिंह परमार, राजस्थान से. जयसिंह जादौन, छत्तीसगढ़ से निर्मला, छिंदवाड़ा से मुदित श्रीवास्तव, भिंड से नीरू दिवाकर, भोपाल से शाहबाज खान, खुशबू चौरसिया, सतीश राज आचार्य, उत्तरप्रदेश से आसिमा, बिहार से सन्नी कुमार, गुजरात से पार्थ, तमिलनाडु से श्रुति, केरल से अजित आदि पूरे 50 पदयात्री अगले साल जिनेवा पहंचेंगे।

 


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