आदिवासी अधिकार हुंकार रैली
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आदिवासी अधिकार हुंकार रैली

आदिवासी अधिकार हुंकार रैली के लिए बनी  रणनीति
प्रदेश भर में विभिन्न संगठनों द्वारा प्रतिदिन किया जा रहा है आह्वान
 17 नवंबर को भोपाल में होगा आयोजन




राहुल श्रीवास्तव भोपाल- आदिवासी अधिकार हुंकार रैली के लिए के लिए प्रदेश भर में विभिन्न संगठनों द्वारा प्रतिदिन यात्रा बैठकें आयोजित की जा रही है। हुंकार रैली 17 नवंबर को भोपाल में आहूत की गई है। रैली में आदिवासीयों की संख्या के हिसाब से व्यवस्था के व्यापक इन्तजाम किए जा रहे है। महाकोशल अंचल के बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, नरसिंहपुर तथ जबलपुर जिले में कार्यरत समाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन, जनसंगठन एवं समाजिक चिंतक लोग गोंडी पब्लिक ट्रस्ट सहित संगठन के लोग आदिवासी अधिकार हुंकार यात्रा की तैयारी को लेकर बैठक व रैली  में शामिल हो रहे हैं। 
           अदिवासी अधिकार हुंकार यात्रा के उद्देश्य की जानकारी देते हुए गोंडवाना समय क्रान्ति के गुलजार सिंह मरकाम ने प्रेस को जानकारी देते हूए कहा कि आदिवासी क्षेत्र संवैधानिक संकटों से गुजर रहा है। संविधान में पंचवीं अनुसूची, पेसा कानून, कम अधिकार कानून, आदिवासी मंत्रणा परिषद तथा प्राकृतिक संसाधनों का नियंत्रण व प्रबंधन जैसे प्रावधानों के बाद भी उसका सही परिपालन नहीं करते हुए बेदखली एवं जवस विस्थापन जैसी कार्यवाही जारी है। इस संकट को खत्म करने के लिए समाजिक संगठनों को एकजुट करना एवं समुदाय में जागति लाना इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। डिंडोरी के समाजिक कार्यकर्ता हरि सिंह मरावी एवं श्याम कुमारी धुर्वे ने अपने जिले में यात्रा को क्रियान्वित करने की योजना बताते हुए कहा कि दलगत राजनीति से उपर उठकर समाजिक चिंतन के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी को एक साथ आन चाहिए। बालाघाट के द्रोपदी सिंह मरावी ने विकासखंड स्तर पर समिति बना कर यात्रा के कर यात्रा क उद्देश्यों को गांव गांव पहुंचने पर जोर दिया। मंडलाके तुलसी मरावी ने इस संकट के समाधान के लिए आदिवासी जनप्रतिनिधियों को भी लिए बनी रणनीति को इस कार्यक्रम में शामिल करने का सुझाव दिया। चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष दाद लाल कुडापे ने बरगी विस्थापन की मार झेल रहे लोगों के दोहरे विस्थापन से बचने के लिए समाज से सहयोग की अपील की। आदिवासी महापंचायत एवं आजाद 55 के भूपेन्द्र बरकड़े ने प्रस्तावित राजा दलपत शाह अभयारण्य का औ राजा दलपत शाह अभयारण्य का विरोध करते हुए कहा कि अब कोई भी विस्थापन मंजूर नहीं है। संतु लाल मराव ने वर्तमान संकट के लिए राजनैतिक व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। समाजिक कार्यकर्ता गुलाब सिंह मरदरिया ने संघर्ष के साथ रचनात्मक निर्माण कार्य को शामिल करने की बात कही। इस दौरान विवेक पवार, राहुल श्रीवास्तव, समाधान पाटिल नेविभित्र मुद्दों पर अपनी बात कही। बैठक में आदिवासी महापंचायत, कोयतुर गोंडवाना महासभा, आदिवासी विकास परिषद, जयस, अकाश, आजाद 55, धर्म संस्कृति संरक्षण समिति, जनसंघर्ष मोर्चा, चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति, बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ, राजा दलपत शाह अभयारण्य विरोधी मोर्चा, गोंडवाना स्टूडेंट्स युनियन, बरगी बांध मत्सय उत्पादन संघ, भूअधिकार मोर्चा के प्रतिनिधि शामिल हुए।


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