चंबल-ग्वालियर संभाग में समझौते से समाधान कार्यशाला सम्पन्न
श्योपुर - प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि ग्वालियर एवं चंबल संभाग में 124 गांवों में सरकार की विभिन्न योजनाओं का सर्वेक्षण कराकर पात्रता अनुसार सभी हितग्राहियों को लाभ दिलाना सुनिश्चित किया गया है। इसके लिये चंबल एवं ग्वालियर संभाग के 8 जिलों के शिक्षाविद शासकीय, अशासकीय कॉलेजों के प्रोफेसर एवं राजस्व अधिकारी, पटवारी, कोटवार, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता सहयोगी को शामिल किया है। यह पहल चंबल संभाग के कमिश्नर द्वारा की है। जिसकी मैं भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं। यह बात उन्होंने समझौता से समाधान कार्यक्रम को प्रारंभ करने से पहले चंबल-ग्वालियर संभाग के जुड़े राजस्व एवं शिक्षाविद को संबोधित करते हुये गूगल मीट के माध्यम से कही। इस अवसर पर गुना, शिवपुरी के सांसद श्री केपी सिंह यादव, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना, एडीजी श्री राजेश चावला, हायर ऐजुकेशन के संचालक श्री दीपक सिंह, सहित मुरैना, ग्वालियर, भिण्ड, दतिया, गुना, शिवपुरी और अशोकनगर के कलेक्टर्स, जनपद सीईओ एवं आठों जिलों के शासकीय, अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य जुड़े हुये थे। स्थानीय स्तर पर श्योपुर के निषादराज भवन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री राजेश शुक्ल, अपर कलेक्टर श्री टीएन सिंह, एसडीएम श्री लोकेन्द्र सरल, डिप्टी कलेक्टर श्री मनोज गढवाल, एसीईओ जिला पंचायत श्री गोविन्द सिंह राजावत सहित विभिन्न विभागो के अधिकारी, प्रोफेसर आदि उपस्थित रहें।
राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह ने कहा कि राजस्व सिविल मामले में आप सुशासन की स्थापना के रूप में कार्य कर रहे हैं। मेरी तरफ से आपको बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं समझता हूं कि कमिश्नर का यह प्रयास प्रदेश में पहला है, मैं चाहूंगा कि यह प्रजेन्टेशन भोपाल में दिखाया जाये। ताकि प्रदेश के अन्य संभाग भी इसको लागू कर सकें। छोटे-छोटे आवेदन के लिये लोगों को परेशान न होना पड़े, आपकी योजनायें सफल हों। ये अभियान गरीबों व आम जनता का अभियान बनें। इसमें सभी अधिकारी समाजसेवी, शिक्षाविद, विद्यार्थी अपनी भागीदारी कर रहे हैं। आप सभी का मैं आभार व्यक्त करता हूं, जो अपनी-अपनी छोटी-छोटी गतिविधियां से समाज के अंतिम छोर तक के व्यक्तियों को लाभान्वित कर अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहें है।
चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने कहा कि चंबल एवं ग्वालियर संभाग के आठों जिलों में समझौता समाधान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसकी विस्तृत जानकारी के अन्तर्गत 4 से अधिक प्रकरणों का समझौता से समाधान कराया गया है। तथा 124 गांवों को विवाद रहित बनाया गया है। इन 124 गांवों में सरकार की विभिन्न योजनाओं का सर्वेक्षण कराकर पात्रतानुसार सभी हितग्राहियों को लाभ दिलाना सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि समझौता समाधान अभियान को व्यापक रूप देने हेतु महाविद्यालय के व्यक्तित्व का विकास करने हेतु कार्ययोजना बनाई है, जिसके अन्तर्गत आठों जिलों में आने वाले शासकीय, अशासकीय विद्यालयों को जोड़ा गया है। प्रत्येक महाविद्यालय को एक गांव गोद लेने के लिये प्रेरित किया है।
इन सभी महाविद्यालयों के प्रतिनिधिगण तथा इनके द्वारा गोद लिये गये, गांवों के सरपंच, ग्राम हल्का पटवारी, पंचायत सचिव, वीट आरक्षक एवं अन्य विकासखण्ड व जिला स्तरीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों को इस अभियान में जोड़ा गया है। समझौता समाधान के माध्यम से विवाद रहित गांव बनाकर प्राचीन पंच व्यवस्था लागू करना, समस्त नागरिकों को प्रदत्त शासकीय योजनाओं की जानकारी एवं मूल्यांकन, चयनित योजनाओं का लाभ प्रत्येक नागरिक को दिलाकर पूर्ण ग्राम को लाभान्वित कराना है। उन्होंने कहा कि 24 से 2 अक्टूबर तक आवेदन प्राप्त करके लाभ दिलाना है। इसके अलावा शेष छूटे हुये लोगों को चयनित करके 15 अक्टूबर तक उन्हें भी लाभान्वित करना है।
कार्यक्रम में गुना, शिवपुरी के सांसद श्री केपी सिंह यादव, हायर ऐजुकेशन के श्री दीपक सिंह ने भी संबोधित किया।
इस दौरान अपर कलेक्टर श्री टीएन सिंह ने कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना को जानकारी दी कि श्योपुर में 22 गांव चिन्हित किये गये है तथा शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा प्रोफेसरों को नोडल बनाया गया है। इन गांवो के पटवारी, सचिव, कोटवार सहित अन्य स्थानीय अमले को शामिल किया गया है। गतिविधियों की जानकारी एवं सूचनाओ के आदान-प्रदान के लिए व्हाटसएप गु्रप भी बनाया गया है। उक्त चिन्हित ग्रामों में शासन की योजनाओं का सभी पात्र हितग्राहियों को लाभ प्रदान करने के लिए प्रारंभिक कार्यवाही की जा रही है तथा समझौता समाधान के तहत गांवों को विवाद रहित बनाने की दिशा में आपसी सहमति से समझौतें कराने की कार्यवाही प्रचलित है।
इसके पूर्व निषादराज भवन में आयोजित उक्त कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने-अपने विभागों में संचालित योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि श्योपुर जिले में 22 समरस गांव चिन्हित किये गये है, जिनमें कंवरसली, जानपुरा, मसावनी, मूंझरी, सांरगपुर, मावदा, टेकना, दोला का पुरा, ठिकरिया, टर्रा माफी, रिगनी, बरखेडा, सरजूपुरा, मेहरवानी, मदनपुर, पिपरानी, पहेला, बमोरी, चदेली, इटवई, नदीगांव एवं नितनवास शामिल है।
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