बीजिंग । चीन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है अब उसकी नई तैयारी भारत से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास एक नया राजमार्ग बनाने की है। उसके इस कदम का उद्देश्य अपनी सामरिक स्थिति को मजबूत करना और अपनी ताकत बढ़ाना है। मीडिया में बुधवार को आई एक खबर में यह दावा किया गया है। खबर के अनुसार, यह राजमार्ग तिब्बत की ल्हुंज काउंटी से शिंजियांग क्षेत्र में काशगर स्थित माझा तक बनने वाला है। ल्हुंज काउंटी भारत के अरुणाचल प्रदेश का हिस्सा है। चीन इसे अपने दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है।
खबरों के मुताबिक, चीन का ये नया राजमार्ग नये राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रस्तावित 345 निर्माण योजनाओं में शामिल है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2035 तक कुल 4,61,000 किमी लंबा राजमार्ग और मोटरवे निर्मित करना है। दरअसल, चीन बुनियादी ढांचे में निवेश के जरिये अपनी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकना चाहता है। खबर में कहा गया है कि पिछले हफ्ते जारी की गई योजना के तहत जी695 नाम से जाने जा रहे इस राजमार्ग के कोना काउंटी से होकर गुजरने की संभावना है- जो एलएसी के ठीक उत्तर में पड़ता है। काम्बा काउंटी की सीमा सिक्किम से लगी हुई है और गयीरोंग काउंटी नेपाल की सीमा के करीब है। प्रस्तावित सड़क तिब्बत, नेपाल और भारत के बीच स्थित बुरांग काउंटी और नगारी प्रांत के जांदा काउंटी से भी होकर गुजरेगी। खबर में कहा गया है कि नगारी प्रांत के कुछ हिस्से पर भारत का कब्जा है।
खबर में कहा गया है कि नये निर्माण का विवरण अस्पष्ट बना हुआ है, लेकिन पूरा हो जाने पर राजमार्ग डेपसांग मैदान, गलवान घाटी और एलएसी पर हॉट स्प्रिंग्स जैसे टकराव वाले इलाकों के नजदीक से भी गुजरेगा। हांगकांग की मीडिया में आई इस खबर पर यहां अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। भारत ने पहले कहा था कि वह अपनी सीमा पर होने वाली सभी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।
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