
भोपाल । तेज बारिश के कारण बरखेड़ा-बुधनी के बीच तीसरी रेल लाइन का काम बंद हो गया है। तीसरी लाईन का काम अब पांच माह में भी पूरा नहीं हो पाएगा। इस परियोजना की गति पहले से ही धीमी है, जिसकी वजह से यह रेल लाइन दिसंबर 2022 में बनकर तैयार नहीं होगी। रेलवे ने वर्ष 2023 में इस रेलखंड में तीसरी रेल लाइन पर ट्रेनें चलाने का लक्ष्य रखा है। बता दें कि नई दिल्ली-चेन्नई रेल मार्ग पर बीना से इटारसी के बीच पहले से दो ट्रैक थे। जिस पर क्षमता से करीब 150 प्रतिशत अधिक दबाव था। जिसे देखते हुए रेलवे ने तीसरी रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दी थी। इसी रेल रेल मार्ग पर भोपाल से इटारसी के बीच है, बरखेड़ा-बुधनी है, जो घाट वाले हिस्से से होकर गुजरता है। यहां पहले से पहले भी दो लाइनें हैं, जिन पर ट्रेनें दौड़ रही है। इस रेलखंड की दूरी करीब 30 किलोमीटर है। घाट वाला हिस्सा होने के कारण दोनों रेल लाइनों पर ट्रेनों के आवागम में समतल ट्रैक की तुलना में अधिक समय लगता है। कई बार ट्रेनों का परिचालन राेकने की नौबत बन जाती है। जिसे देखते हुए इस रेखखंड में तीसरी रेल लाइन का काम तेजी से पूरा करने का लक्ष्य तय किया था। रेलवे से जुड़े मामलों के जानकारों का कहना है कि जब तक तीसरी रेल लाइन पर ट्रेनें नहीं दौड़ेगी, तब तक इस रेलखंड को पार करने में चार से पांच मिनट अतिरिक्त् लगना तय है। पश्चिम मध्य रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि यह रेलखंड रातापानी वन्यजीव अभयारण्य से होकर गुजरता है। जिसमें बाघ, तेंदुए, भालू समेत कई तरह के वन्यप्राणी है। इनमें से कुछ की तो ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो चुकी है। जिसे देखते हुए काम में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश है। रात में वाहनों के आवागमन को बंद रखने की शर्त पर राज्य वन्यप्राणी बोर्ड ने सहमति दी थी।घाट व पहाड़ों वाला क्षेत्र होने के कारण सुरंगें बनाने में समय लगा है। नदियां और कुछ बड़े नाले हैं जिन पर पुल-पुलिया बनाने में अतिरिक्त समय लग रहा है। वाहनों के आवागमन में दिक्कतें आ रही है। दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए सड़कों के निर्माण में समय लगा है। यह भी देरी की वजह रही है। इस बारे में डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय का कहना है कि भले ही वर्षा के कारण काम बंद करना पड़ा हो लेकिन नोडल एजेंसी रेल विकास निगम लिमिटेड को तय समय सीमा में काम पूर्ण करने के लिए कहा गया है।
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