नई दिल्ली । देश में कोविड-19 के भयावह दौर के गुजर जाने के बाद देश में एक बार फिर कोरोना केसों में इजाफा देखने को मिल रहा है। मंगलवार से पहले तक पिछले 8 दिनों से रोजाना 3 हजार से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करके केसों की रोकथाम के उपायों में ढिलाई न बरतने की अपील करनी पड़ी थी। इस सबके बीच लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि चौथी लहर आएगी या नहीं। अब आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने नई स्टडी के बाद दावा किया है कि बहुत मुमकिन है कि भारत को कोरोना की चौथी लहर देखनी ही न पड़े। उन्होंने अपनी इस राय के पीछे भारत के ज्यादातर लोगों में कोरोना के खिलाफ बनी प्राकृतिक इम्युनिटी और वायरस के रूप में कोई नया बड़ा बदलाव न होने जैसी वजहें गिनाई हैं।
आईआईटी कानपुर में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कोरोना की चाल नापने के लिए एक गणितीय मॉडल बनाया है। इसका नाम सूत्र रखा गया है। इसकी गणनाओं की बदौलत प्रो. अग्रवाल पिछले दो साल में कोरोना को लेकर कई बार भविष्यवाणी कर चुके हैं और वो काफी हद तक सटीक भी साबित हुई हैं। अब उन्होंने कोरोना की चौथी लहर को लेकर अपना आकलन सामने रखा है।
प्रो। अग्रवाल ने अपनी रिसर्च के हवाले से दावा किया है कि भारत के 90 फीसदी से ज्यादा लोगों में कोरोना के खिलाफ नेचुरल इम्युनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। दूसरे शब्दों में कहें तो कोरोना से संक्रमित होने के कारण लोगों के शरीर के अंदर इससे लड़ने की क्षमता पैदा हो गई है। भारत में वैक्सीनेशन का स्तर भी काफी अच्छा है। ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उनका कहना है कि आईसीएमआर के सर्वे बताते हैं कि कोरोना के जितने केस सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होते हैं, उससे कई गुना ज्यादा लोग इससे संक्रमित होते हैं। ये संख्या 30 गुना तक बताई जाती है। दुनिया के 36 बड़े देशों में ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर हुई स्टडी से पता चला है कि जिन लोगों में प्राकृतिक रूप से वायरस के खिलाफ इम्युनिटी बन चुकी है, उन पर ये घातक असर नहीं कर रहा है।
कोरोना की चौथी लहर आने की कम संभावना के पीछे प्रो. अग्रवाल एक वजह ये भी बताते हैं कि अभी तक इस वायरस में कोई नया बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। जो वैरिएंट सामने आ रहे हैं, वो ओमिक्रोन वायरस के ही भाई-बहन की तरह हैं, जैसे बीए.2, बीए.2.9, बीए.2.10 और बीए.2.12। यहां तक कि दिल्ली एनसीआर में भी कोई नया म्यूटेशन नहीं देखा गया है जबकि देश में सबसे ज्यादा केस यहीं मिल रहे हैं। प्रो. मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक, इसका मतलब ये कि भारत में 90 फीसदी से ज्यादा लोग पहले ही ओमिक्रोन से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। उनके अंदर इसके प्रति इम्युनिटी मौजूद है। ऐसे में ओमिक्रोन की वजह से कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना नहीं है। उनका कहना है कि चौथी लहर आने की आशंका तभी पैदा होगी, जब कोरोना का वायरस किसी नए रूप में सामने आएगा।
हाल ही में कोरोना केसों में हुई बढ़ोतरी की वजह बताते हुए प्रो। अग्रवाल कहते हैं कि ये सब नए वैरिएंट की वजह से नहीं बल्कि पाबंदियां हटने की वजह से हो रहा है। बंदिशें खत्म होने से लोग घरों के बाहर आ रहे हैं, भीड़ बढ़ रही हैं, लोग एक दूसरे से घुलमिल रहे हैं। ऐसे में केस बढ़ना स्वाभाविक है। लेकिन ये केस इतने भी ज्यादा नहीं बढ़ रहे कि चिंता का सबब बन जाएं। चीन में बढ़े केसों को लेकर प्रो. अग्रवाल का कहना है कि चीन, दक्षिण कोरिया, हांगकांग जैसे देश कोरोना को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं। ऐसे में थोड़े से केस मिलने पर भी सख्त पाबंदियां लगा दी जाती हैं। इसकी वजह से लोगों के अंदर ओमिक्रोन के प्रति नेचुरल इम्युनिटी नहीं बन पाई, जो अब केसों के रूप में सामने आ रहा है।
देश में कोरोना की चौथी लहर की आशंका प्रबल
गुरुवार, मई 12, 2022
0
Tags
Please do not enter any spam link in the comment box.