आदिवासी परिवार की दो महिला बगीचा लगाकर पकड रही है तरक्की की रफ्तार
श्योपुर- श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम पनवाडा की निवासी आदिवासी परिवार की दो महिला श्रीमती भगवती एवं श्रीमती रचना आदिवासी अपनी निजी जमीन में 01 हैक्टयर आम का बगीचा लगाकर आम बेचने से हो रही आदमनी के कारण तरक्की की रफ्तार पकडने में सहायक बन रही है।
आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम पनवाडा के आजीविका मिशन के कर्मचारियों ने आम, अमरूद, केला का बगीचा लगाने के लिए आदिवासी परिवारो की महिलाओ को दो वर्ष पूर्व प्रेरणा दी थी। जिस पर से श्रीमती भगवती एवं श्रीमती रचना आदिवासी अपनी 01 हेक्टयर भूमि में आम, अमरूद, केला का बगीचा लगाने की दिशा में पहल शुरू की। साथ ही अपना भगवती स्वसहायता समूह गठित कर अन्य समूह की महिलाओ को भी बाडी लगाने के लिए प्रेरित किया।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhDjTwTBqtLLPw3b7Qdup_WO1YWNEGc4jk6VcuRLLwJsajfeIjN1he_rEAR62Rahrxn8c_cU480sseDuab4bJPeg4Vf9GCgK7gpY1dL1nii2zN7pXUbU0f2nVAjig-AVCWbzQF-42rWTLWTu95NuSipq1vcCPmmiSCXqPsiox-XSBpTYeaIJ_7Y-gBM/w640-h360/03.jpeg)
भगवती स्वसहायता समूह की महिला हितग्राही श्रीमती भगवती एवं श्रीमती रचना आदिवासी ने बताया कि हमारे द्वारा दो वर्ष पूर्व अपनी बाडी में केसर, राजभोग आम के पोधे डीपीएम आजीविका मिशन श्री मुदगल के सहयोग से लगाये गये थे। आज यह आम के पौधे बडे होकर परिवार की आमदनी बढाने में सहायक बन गये है। आम का विक्रय आदिवासी विकासखण्ड मुख्यालय कराहल की सब्जी मंडी के अलावा पनवाडा-कराहल मैन रोड पर बाडी के सामने ठेला लगा कर भी किया जा रहा है। साथ ही बगीचे में पेडो के बीच में बैगन, टमाटर, भिण्डी लगाई गई है। जिससे भी आमदनी में इजाफा होगा।
जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम पनवाडा की महिला हितग्राही श्रीमती भगवती एवं श्रीमती रचना आदिवासी ने बताया कि मप्र डे-आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित भगवती स्वसहायता समूह तरक्की की रफ्तार पकड रहा है। साथ ही हम दोनो महिलाओ में कठिन परिश्रम कर 01 हेक्टयर बाडी में आम, अमरूद, केला के पेड बडे होकर परिवार की आय में सहायक बन रहे है। अमरूद और आम के फल बेचने से सीजन में करीबन 50 हजार रूपये की आय हो रही है। यह सब करिश्मा मप्र सरकार, जिला प्रशासन और मप्र डे-आजीविका मिशन के माध्यम से ही परिलक्षित हो रहा है।
श्योपुर- श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम पनवाडा की निवासी आदिवासी परिवार की दो महिला श्रीमती भगवती एवं श्रीमती रचना आदिवासी अपनी निजी जमीन में 01 हैक्टयर आम का बगीचा लगाकर आम बेचने से हो रही आदमनी के कारण तरक्की की रफ्तार पकडने में सहायक बन रही है।
आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम पनवाडा के आजीविका मिशन के कर्मचारियों ने आम, अमरूद, केला का बगीचा लगाने के लिए आदिवासी परिवारो की महिलाओ को दो वर्ष पूर्व प्रेरणा दी थी। जिस पर से श्रीमती भगवती एवं श्रीमती रचना आदिवासी अपनी 01 हेक्टयर भूमि में आम, अमरूद, केला का बगीचा लगाने की दिशा में पहल शुरू की। साथ ही अपना भगवती स्वसहायता समूह गठित कर अन्य समूह की महिलाओ को भी बाडी लगाने के लिए प्रेरित किया।
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भगवती स्वसहायता समूह की महिला हितग्राही श्रीमती भगवती एवं श्रीमती रचना आदिवासी ने बताया कि हमारे द्वारा दो वर्ष पूर्व अपनी बाडी में केसर, राजभोग आम के पोधे डीपीएम आजीविका मिशन श्री मुदगल के सहयोग से लगाये गये थे। आज यह आम के पौधे बडे होकर परिवार की आमदनी बढाने में सहायक बन गये है। आम का विक्रय आदिवासी विकासखण्ड मुख्यालय कराहल की सब्जी मंडी के अलावा पनवाडा-कराहल मैन रोड पर बाडी के सामने ठेला लगा कर भी किया जा रहा है। साथ ही बगीचे में पेडो के बीच में बैगन, टमाटर, भिण्डी लगाई गई है। जिससे भी आमदनी में इजाफा होगा।
जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम पनवाडा की महिला हितग्राही श्रीमती भगवती एवं श्रीमती रचना आदिवासी ने बताया कि मप्र डे-आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित भगवती स्वसहायता समूह तरक्की की रफ्तार पकड रहा है। साथ ही हम दोनो महिलाओ में कठिन परिश्रम कर 01 हेक्टयर बाडी में आम, अमरूद, केला के पेड बडे होकर परिवार की आय में सहायक बन रहे है। अमरूद और आम के फल बेचने से सीजन में करीबन 50 हजार रूपये की आय हो रही है। यह सब करिश्मा मप्र सरकार, जिला प्रशासन और मप्र डे-आजीविका मिशन के माध्यम से ही परिलक्षित हो रहा है।
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