कटनी (19 मई)- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना अंतर्गत आज गुरुवार को प्रदेश के 4226 आवेदकों को वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से पट्टा और भू-अधिकार पत्रों का वितरण किया। योजनांतर्गत भोपाल में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान के संबोधन को लोगों ने वर्चुअली देखा और सुना। यहां कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित एनआईसी कक्ष में पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री एव प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने जिले के नगरीय क्षेत्र के 60 आवेदकों को पट्टा एवं भू-अधिकार पत्र प्रदान किया और भू-मालिक बनने और की बधाई और शुभकामनायें दीं।
जिलास्तरीय कार्यक्रम में बहोरीबंद विधायक प्रणय पाण्डेय, पूर्व महापौर शशांक श्रीवास्तव, भाजपा जिला अध्यक्ष रामरतन पायल, कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन, अपर कलेक्टर रोमानुस टोप्पो, डिप्टी कलेक्टर एवं नजूल प्रभारी संस्कृति शर्मा सहित अन्य अधिकारी व हितग्राही उपस्थित रहे।
योजना अंतर्गत 31 दिसम्बर 2014 के पूर्व के विवादहीन भूमि में काबिज पात्र व्यक्तियों को पट्टा और भू-अधिकार पत्र प्रदान किया गया। योजना के तहत नगरीय क्षेत्र की शासकीय भूमि (नजूल भूमि) के भू-खण्ड धारकों को धारित भूमि 30 वर्षां के लिये स्थाई पट्टे पर दी गई है। पट्टे का नवीनीकरण भी कराया जा सकेगा। साथ ही व्यक्ति को आवास निर्माण, जीर्णोद्धार या उन्नयन करने अथवा बैंक से आवास ऋण लेने की सुविधा सहित पात्रता होने पर प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने वर्चुअली संबोधन में कहा कि राज्य सरकार जिंदगी के हर मोड़ पर जनता के साथ खड़ी है। उन्होने कहा कि पीढि़योें से जमीन में काबिज लोगों के पास पट्टा नहीं था, एैसे में उनका दर्द समझते हुये सरकार ने उन्हे पट्टा देकर जमीन का मालिक बनाने का काम किया है। कब्जेधारी से नाम मात्र का शुल्क लेकर जमीन का पट्टा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्हे पट्टा मिला है और उनके पास रहने को घर नहीं है, उन्हें पात्रता के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्दी ही अब वर्ष 2018 तक के शासकीय नजूल भूमि पर काबिजों को भी जमीन का मालिक बनायेंगे। उन्होने कहा कि प्रदेश की धरती में कोई भी व्यक्ति बेघर नहीं रहेगा। इस साल गरीबों का घर बनाने के लिये सरकार दस हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लें। बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिये सरकार के साथ समाज को भी सहभागिता निभाने आगे आने का आव्हान किया।
घरों के बाहर नजर आयेगी भू-अधिकार पत्र की नेमप्लेट
जिला प्रशासन ने भू-अधिकार एवं स्थाई पट्टा प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को आगे परेशानी ना हो, इसके लिये नवाचार किया है। जिसके अंतर्गत पट्टा वितरण के साथ हितग्राहियों को उनके नाम की नेम प्लेट, जिसमें खसरा नंबर, भूमि का रकवा दर्ज है, प्रदान की गई। नेम प्लेट हितग्राहियों के घरों के बाहर लगाई जायेंगी। ताकि भविष्य में उन्हें किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना ना करना पड़े और उन्हें समय समय पर शासन की जनहितैषी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ देने में सहूलियत भी हो। कई हितग्राहियों ने स्व-स्फूर्त अपने घर में नजूल भूमि पट्टा की नाम पट्टिका लगाने में दिलचस्पी व्यक्त किया है।
Please do not enter any spam link in the comment box.