स्वामित्व योजना के लिए ग्रामीण आबादी का होगा ड्रोन सर्वे सर्वे के लिए प्रारंभिक तैयारियां करने कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक
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स्वामित्व योजना के लिए ग्रामीण आबादी का होगा ड्रोन सर्वे सर्वे के लिए प्रारंभिक तैयारियां करने कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक



     मध्यप्रदेश राज्य में ग्रामीण आबादी भूमि के जीआईएस आधारित सर्वेक्षण भू-मापन कार्य को राजस्व विभाग एवं भारतीय सर्वेक्षण विभाग, देहरादून के द्वारा संयुक्त रूप से संपन्न किया जा रहा है। बालाघाट जिले में भी यह सर्वे का कार्य प्रारंभ किया जाना है। योजनान्तर्गत ग्रामीण आबादी का जीआईएस प्रणाली द्वारा भू-मापन का अधिकार अभिलेख तैयार किया जाना है। भारत सरकार ने ग्रामीण आबादी सर्वे के लिए स्वामित्व योजना प्रारम्भ की है। राज्य की ग्रामीण आबादी सर्वे योजना को केंद्रीय स्वामित्व योजना के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने आज 05 अप्रैल को जिले के तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों की बैठक लेकर ग्रामीण आबादी के ड्रोन सर्वे के लिए सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिये। बैठक में डिप्टी कलेक्टर श्री राहुल नायक भी मौजूद थे।

     कलेक्टर डॉ मिश्रा ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामीण आबादी के ड्रोन सर्वे के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दें और उन्हें इसके प्रति जागरूक करें। सभी तहसीलों में ड्रोन सर्वे के लिए अभिलेखों की तैयारी कर ली जाये। ड्रोन सर्वे के दौरान चूना लाईन बनाने, स्टेशनरी आदि के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए 12 हजार 500 रुपये की राशि उपलब्ध करायी जायेगी।

     बैठक में बताया गया कि इस योजना के क्रियान्वित होने से ग्रामीण संपत्ति का रिकॉर्ड तैयार होगा जिससे ग्राम पंचायतें तथा ग्रामीण आमजन लाभान्वित होंगे। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है कि योजना के क्रियान्वयन में प्रारंभ से ही इसके हितग्राहियों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाये। इसके लिए विशेष ग्राम सभा आयोजित कर हितग्राहियों को योजना की विशिष्टताओं से अवगत कराया जावेगा। इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र की आबादी का सर्वेक्षण एवं अधिकार अभिलेख तैयार किया जाना है।

     ग्रामीण आबादी के सर्वे के लिए सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा ड्रोन (यंत्र) के माध्यम से ग्रामीण स्थल का Imagery एकत्र कर orthorectification process किया जायेगा। तदुपरांत ग्रामीण आबादी भूमि का डिजिटल प्रारूप नक्शा तैयार किया जायेगा। प्रारूप नक्शे के भू-खंड डाटा के साथ समग्र डाटा का उपयोग कर ई-अधिकार अभिलेख तैयार किया जायेगा। ड्रोन द्वारा आबादी सर्वे कर, केवल उन संपति धारकों का अधिकार अभिलेख तैयार किया जाएगा, जो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 (यथा संशोधित 2018) के लागू होने की दिनांक 25 सितम्बर 2018 को आबादी भूमि पर अधिभोगी थे अथवा जिन्हें इस दिनांक के पश्चात् विधिपूर्वक आबादी भूमि में भूखण्ड का आवंटन किया गया है।

     आबादी भूमि के सर्वे का कार्य तीन चरणों में किया जायेगा। ड्रोन सर्वे से ग्राम पंचायत को लाभ होगा। संपत्ति रजिस्टर तैयार होने से ग्राम पंचायत की स्थायी आय की व्यवस्था होगी। ग्राम पंचायत को उसके क्षेत्राधिकार में संपति धारण करने वालों की जानकारी से समग्र आई.डी. डाटा से अद्यतन रहने पर ग्राम विकास की योजना बनाने में सुविधा होगी। ग्राम पंचायत की संपति, शासकीय व सार्वजनिक संपत्ति की सीमा एवं क्षेत्रफल निश्चित होने से उनका रखरखाव किया जा सकेगा और उनसे संबंधित सीमा विवाद में कमी आयेगी। प्रत्येक संपत्ति की सीमा एवं क्षेत्रफल सुनिश्चित होने से ग्राम में निजी सम्पत्ति के विवाद कम होंगे। सार्वजनिक उपयोग की संपति का संरक्षण होगा।

     आबादी भूमि के ड्रोन सर्वे से गांव के रास्ते, ग्राम पंचायत की खुली जगह, नाले, सरोवर इनकी सीमाएं निश्चित होंगी जिससे उनका उपयोग भी सुनिश्चित हो सकेगा। संपति का प्रमाण पत्र प्राप्त होने से मकान पर बैंक से कर्जा लेना आसान होगा। आबादी क्षेत्र का भूमापन पूर्णतः पारदर्शी होगा और हर एक संपत्ति धारक को उनका अधिकार अभिलेख प्राप्त होगा। ग्रामीणों को ग्राम सभा में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर आबादी क्षेत्र के भू-मापन की प्रक्रिया एवं उससे होने वाले लाभ की जानकारी प्राप्त करने के लिए आगे आना चाहिए और ग्राम पंचायत को अपनी संपति की जानकारी देना चाहिए।



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