बाल विवाह होने पर तत्काल कंट्रोल रूम को सूचित करें
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बाल विवाह होने पर तत्काल कंट्रोल रूम को सूचित करें

अक्षय तृतीय के अवसर पर विवाह एवं सामूहिक विवाह का अधिक संख्या में आयोजन होता है, जिसमें बाल विवाह होने की अंधिक संभावना रहती है। जिले में बाल विवाह रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कंट्रोल रूम बनाया गया है और जिले की जनता से अपील की गई है कि वे बाल विवाह को रोकने में मदद करें और कहीं पर भी बाल विवाह न होने दें। गांव में कहीं पर भी बाल विवाह होने जा रहा हो तो तत्काल कंट्रोल रूम एवं पुलिस थाने में सूचना दें।महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती मनीषा लुम्बा ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अनुसार 18 वर्ष से उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह बाल विवाह कहलाता है। आम जनता से भी अपेक्षा की गई है कि वह जब भी किसी विवाह कार्यक्रम में शामिल होने जायें तो यह अवश्य देखें कि कहीं वह बाल विवाह तो नहीं है। जिले में कहीं पर भी बाल विवाह होता है तो इसे रोकने के लिए सूचना संबंधित बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व(एसडीएम), जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, पुलिस अधीक्षक, पुलिस थाना के प्रभारी, मुख्कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, बाल विकास परियोजना अधिकारी, आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक या आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता को अवश्य दें।जिले में कहीं पर भी किसी भी समय बाल विवाह को रोकने के लिए सूचना प्राप्त करने जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम में सहायक संचालक सुश्री वंदना धूमकेती को मोबाईल नंबर 8518080664, श्री मनोज खरे के मोबाईल नंबर 9584815048, सामाजिक कार्यकर्त्ता श्रीमती रचना गुप्ता के मोबाईल नंबर 7415717464, परामर्शदाता दुर्गेश ठाकुर के मोबाईल नंबर 7694082809, आउटरीच कार्यकर्त्ता नीरज स्वामी के मोबाईल नंबर 9303804129 एवं आशीष सिंगोर के मोबाईल नंबर 8878015737 पर बाल विवाह रोकने के लिए सूचना दी जा सकती है। बाल विवाह होने की सूचना वन स्टाप सेंटर बालाघाट के नंबर 6262240299 एवं टोल फ्री नंबर-1098 पर भी दी जा सकती है।बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के नियम 11 के अनुसार समस्त विवाह सेवाप्रदाता जैसे -प्रिन्टिग प्रेस, हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, समाज के मुखिया, बैण्ड वाला, घोड़ी वाला, ब्यूटी पार्लर, टेन्ट हाउस, ट्रांसपोर्ट व्यवासायी से कहा गया है कि वे बाल विवाह कराने में सहयोगी न बनें। विवाह पत्रिका प्रिन्ट करने के पूर्व उम्र संबंधित प्रमाण-पत्र प्राप्त करें और बालक के 21 वर्ष या उससे अधिक व बालिका के 18 वर्ष या उससे अधिक के होने पर ही सेवायें प्रदाय करेंगे। बाल विवाह करने-कराने एवं शामिल होने एवं सेवायें ( प्रिन्टिग प्रेस, हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, समाज के मुखिया, बैण्ड वाला, घोड़े वाला, ब्यूटी पार्लर, टेन्ट हाउस, ट्रांसपोर्ट ) देने पर 2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 01 लाख रूपये के जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजा से दण्ड का प्रावधान है।






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