बाल विवाह संबंधी जानकारी चाईल्ड लाईन-1098 पर दें
बुरहानपुर-महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुमन कुमार पिल्लई ने जानकारी देते हुए बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र में बालिकाओं का विवाह एवं 21 वर्ष से कम उम्र में बालकों का विवाह बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम अंतर्गत बाल विवाह में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से शामिल समस्त व्यक्तियों/संस्थाओं जैसे पंडित, मौलवी, टेन्ट, कैटरिंग, प्र्रिटर, साज-सज्जा, बैंड-बाजे, शादी गार्डन, होटल तथा अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए दो साल तक की कड़ी कैद या एक लाख रूपये तक का जुर्माने का प्रावधान है।
ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, या उसको बढ़ावा देता है या उसमें सहायता देता है उसे अनुच्छेद 10, पीसीएमए, 2006 के अंतर्गत सजा एवं अनुच्छेद 15 पी.सी.एम.ए.2006 में उल्लेखित अपराध संज्ञेय और गैर जमानती अपराध निर्धारित किया गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुमन कुमार पिल्लई ने सभी संबंधितों से कहा है कि यह सुनिश्चित करें कि किसी भी बाल विवाह को जाने-अनजाने में सहयोग प्रदान नहीं किया जायें और यदि कही से बाल विवाह की जानकारी प्राप्त होती है, तो दूरभाष नं-1098 (चाईल्ड लाईन) तथा महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बुरहानपुर अथवा नजदीकी आंगनवाड़ी को शीघ्रता से सूचित करें। आपसी सहयोग से हम बच्चों के जीवन को सुरक्षित कर पायेंगे और बाल विवाह जैसे अपराध को रोक पायेंगे। उन्होंने समस्त परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया है कि पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं चाईल्ड लाईन के माध्यम से अपने-अपने कार्यक्षेत्र में इसकी जानकारी देना सुनिश्चित करें।
बुरहानपुर-महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुमन कुमार पिल्लई ने जानकारी देते हुए बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र में बालिकाओं का विवाह एवं 21 वर्ष से कम उम्र में बालकों का विवाह बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम अंतर्गत बाल विवाह में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से शामिल समस्त व्यक्तियों/संस्थाओं जैसे पंडित, मौलवी, टेन्ट, कैटरिंग, प्र्रिटर, साज-सज्जा, बैंड-बाजे, शादी गार्डन, होटल तथा अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए दो साल तक की कड़ी कैद या एक लाख रूपये तक का जुर्माने का प्रावधान है।
ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, या उसको बढ़ावा देता है या उसमें सहायता देता है उसे अनुच्छेद 10, पीसीएमए, 2006 के अंतर्गत सजा एवं अनुच्छेद 15 पी.सी.एम.ए.2006 में उल्लेखित अपराध संज्ञेय और गैर जमानती अपराध निर्धारित किया गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुमन कुमार पिल्लई ने सभी संबंधितों से कहा है कि यह सुनिश्चित करें कि किसी भी बाल विवाह को जाने-अनजाने में सहयोग प्रदान नहीं किया जायें और यदि कही से बाल विवाह की जानकारी प्राप्त होती है, तो दूरभाष नं-1098 (चाईल्ड लाईन) तथा महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बुरहानपुर अथवा नजदीकी आंगनवाड़ी को शीघ्रता से सूचित करें। आपसी सहयोग से हम बच्चों के जीवन को सुरक्षित कर पायेंगे और बाल विवाह जैसे अपराध को रोक पायेंगे। उन्होंने समस्त परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया है कि पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं चाईल्ड लाईन के माध्यम से अपने-अपने कार्यक्षेत्र में इसकी जानकारी देना सुनिश्चित करें।
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