भोपाल । मध्यप्रदेश में भी सरकारी दफ्तर पांच दिन काम करेंगे। राज्य सरकार ने पांच दिन के सप्ताह के आदेश जारी कर दिए हैं। अब सरकारी दफ्तर सोमवार से शुक्रवार तक ही लगेंगे। कोरोनाकाल में पांच दिन के सप्ताह की मियाद मार्च में खत्म हो रही थी, इसे अब बढ़ा दिया गया है। इधर, कर्मचारी संघ ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इसे केंद्र सरकार और अन्य राज्यों की तरह हमेशा के लिए लागू कर देना चाहिए। इससे कर्मचारियों के साथ ही सरकार को भी बड़ा लाभ होगा। कोरोनाकाल के चलते राज्य सरकार ने 22 जुलाई 2021 को दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित करने के लिए पांच दिन का सप्ताह लागू किया था। इसके साथ ही 22 अक्टूबर 2021 को सरकार ने इसकी मियाद बढ़ाकर मार्च 2022 कर दी थी। तभी से सरकारी दफ्तरों में सोमवार से शुक्रवार तक का सप्ताह लागू है। यानी सप्ताह में पांच दिन काम करने का आदेश प्रभावशील था।
जून तक लागू रहेगा यह नियम
मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने बुधवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। नए आदेश के मुताबिक कोविड 19 महामारी के रोकथाम एवं बचाव के संबध में प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों में कार्यदिवस पांच दिन यानी सोमवार से शुक्रवार तक निर्धारित किया गया था। जिसकी अवधि मार्च 2022 में खत्म हो रही थी। इसे आगे बढ़ाते हुए 20 जून 2022 तक कर दिया गया है।
कर्मचारियों में खुशी, कहा- इससे सरकार को भी फायदा
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि यह फैसला स्वागतयोग्य है। इसे हमेशा के लिए लागू करना चाहिए। क्योंकि केंद्र सरकार से लेकर कई राज्यों में फाइव डे वीक कर दिया गया है। तिवारी ने कहा कि पांच दिन करने से कर्मचारियों का जीवन बढ़ जाएगा। आज के दौर में हमें प्रकृति को साथ में लेकर चलना चाहिए। कोरोनाकाल में भी वातावरण स्वच्छ हुआ है। लाखों कर्मचारी बस और अपने वाहन से दफ्तर जाते हैं, ऐसे में ट्रैफिक कम होगा, लोगों का पैसा बचेका, पेट्रोल-डीजल की बचत होगी, वहीं प्रदूषण भी काफी कम होगा। इसके साथ ही सरकार को भी लाभ होगा। सरकारी वाहन भी बंद रहेंगे। दफ्तरों में चाय-नाश्ता, एसी-कूलर समेत बिजली का खर्च बचेगा। तिवारी ने बताया कि पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के समय में एक वर्ष में राज्य सरकार ने 371 करोड़ रुपए बचाने की बात कही थी। तिवारी ने प्रदेश के कर्मचारी कई वर्षों से पांच दिन के साप्ताहिक अवकाश को हमेशा लागू करने की मांग कर रहे हैं। कोरोनाकाल से पहले भी कई राज्यों में यह लागू है। मध्यप्रदेश में कोरोनाकाल के कारण लागू किया गया था। जिसे थोड़ा-थोड़ा करके बढ़ाया जा रहा है। राजस्थान, बिहार, पंजाब, बंगाल, दिल्ली, छत्तीसगढ़, और केंद्रीय कार्यालय में पांच दिवसीय सप्ताह चल रहा है। इसे पूरे भारत में एक साथ लागू करना चाहिए।
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