कलेक्टर डॉ मिश्रा ने किया आश्रय गृह, बाल गृह एवं बालिका गृह का आकस्मिक निरीक्षण
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कलेक्टर डॉ मिश्रा ने किया आश्रय गृह, बाल गृह एवं बालिका गृह का आकस्मिक निरीक्षण

 



कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने आज 04 मार्च को महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित आश्रय गृह, बाल गृह एवं बालिका गृह का आकस्मिक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती मनीषा लुंबा एवं सहायक संचालक सुश्री वंदना धूमकेती उपस्थित थी।कलेक्टर डॉ मिश्रा सबसे पहले प्रबुद्ध विनायती कल्याणकारी संस्था द्वारा मोतीनगर में जैन अस्पताल के पास संचालित रमाई खुला आश्रय गृह पहुंचे। इस आश्रय गृह में 06 से 18 वर्ष की आयु के कामकाजी माता-पिता के बच्चे, बुरी प्रवृत्ति में लिप्त पाये गये बच्चों को रखा जाता है। निरीक्षण के दौरान आश्रय गृह में मात्र 08 बच्चे उपस्थित पाये गये, जिसमें से 03 बच्चे नये होना बताये गये। इस आश्रय गृह में 30 बच्चे दर्ज होना बताया गया ।आश्रय गृह के स्टाफ द्वारा बच्चों के बारे में जो जानकारी दी गई वह बच्चों से पूछे जाने पर संतोषजनक नहीं निकली। कलेक्टर डॉ मिश्रा ने इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर की और वहां की व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिये। आश्रय गृह के अभिलेखों के अनुसार वर्ष 2021-22 में दो किश्तों में 04 लाख रुपये एवं 08 लाख रुपये प्राप्त होना बताया गया। कलेक्टर डॉ मिश्रा ने आश्रय गृह में मौजूद बच्चों से उनके माता-पिता क्या करते हैं, वे आश्रय गृह में क्यों रहने आये हैं, उन्हें भोजन में क्या मिलता है और उनकी पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर डॉ मिश्रा ने आश्रय गृह में पायी गई गड़बड़ियों को देखते हुए आश्रय गृह का संचालन करने वाली संस्था को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये कि क्यों न उनका अनुबंध निरस्त कर दिया जाये।कलेक्टर डॉ मिश्रा भटेरा चौकी रोड पर संचालित स्नेह छाया बाल गृह का निरीक्षण करने पहुंचे। इस बाल गृह में 06 से 18 वर्ष आयु वर्ग के अनाथ एवं निराश्रित बच्चे, ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता जेल में हैं या विक्षिप्त हैं, उन्हें संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए रखा जाता है। स्नेह छाया बाल गृह में 15 बच्चे दर्ज है, मौके पर 07 बच्चे पाये गये, शेष बच्चे स्कूल गये थे। कलेक्टर डॉ मिश्रा ने बाल गृह में मौजूद बच्चों से उन्हें दिये जा रहे भोजन एवं पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बाल गृह के संचालकों को निर्देशित किया कि बाल गृह में प्राथमिक उपचार के लिए जरूरी दवायें उपलब्ध रखें और माह में कम से कम एक बार सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करायें और अनाथ बच्चों को गोद देने के लिए नियमों के अनुसार प्रयास करें।कलेक्टर डॉ मिश्रा ने भटेरा नाके के पास प्रबुद्ध विनायती कल्याणकारी संस्था द्वारा संचालित सावित्री ज्योति बालिका गृह का भी निरीक्षण किया। इस दौरान बताया गया कि बालिका गृह में 06 से 18 वर्ष आयु वर्ग की अनाथ एवं निराश्रित बालिकायें, जिनके माता-पिता जेल में हैं या विक्षिप्त हैं या पाक्सो का प्रकरण चल रहा है और उन्हें देखरेख व संरक्षण की जरूरत है, ऐसी बालिकाओं को रखा जाता है। वर्तमान में इस बालिका गृह में 25 बालिकायें दर्ज है। इसमें छिंदवाड़ा जिले की बालिका भी शामिल है। सिवनी एवं छिंदवाड़ा जिले में बालिका गृह नहीं होने के कारण वहां की बालिकाओं को बालाघाट के बालिका गृह में भेजा जाता है। बालिका गृह में दर्ज बालिकाओं को शिक्षा दिलाने के साथ ही उन्हें रोजगार मूलक गतिविधियों से भी जोड़ा जाता है। बालिका गृह की 14 बालिकाओं को ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण दिलाया गया है। कलेक्टर डॉ मिश्रा ने बालिका गृह में मौजूद स्टाफ एवं बालिकाओं से भोजन एवं शिक्षा के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बालिकाओं को सिलाई, कढ़ाई, पेपर बैग बनाने एवं अन्य गतिविधियों का प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिये।






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