जबलपुर। आम उपभोक्ता, व्यापारी और उद्योगपति हर कोई बिजली के दाम बढ़ाने के खिलाफ है। विरोध करने वाले संगठन, व्यापारी संगठन और उद्योगपतियों का कहना है कि कोरेाना महामारी में सरकार को रियायत देनी चाहिए, लेकिन दाम बढ़ाकर आम आदमी को परेशानी खड़ी की जा रही है। मप्र विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई में प्रदेश की तीनों वितरण कंपनी से आधा सैकड़ा से ज्यादा आपित्तयां दर्ज हुई। इन सभी ने बिजली नियामक आयोग से दर नहीं बढ़ाने के लिए अलग-अलग तर्क रखे। अब नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच 12 मार्च को शाम 5.30 बजे घंटाघर काफी हाउस में इस संबंध में बैठक कर रहा है जिसमें विभिन्न संगठन, व्यापारिक संगठन और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर दाम बढ़ाने के खिलाफ रणनीति तय करेगा।
इनका ये कहना :
मप्र चेम्बर आफ कामर्स एडं इंडस्ट्री के प्रदेश उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने कहा बिजली दर के खिलाफ जो आपत्ति लगाई थी। उसमें कोविड महामारी नोटिफाइड महामारी घोषित की गई है ये आपदा खत्म नहीं हुई है। सरकार महामारी खत्म होने की अधिकृत घोषणा नहीं करती है तब तक इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में नियम में है कि राज्य सरकार चाहे तो मप्र विद्युत नियामक आयोग और वितरण कंपनियों की मांग को खारिज कर सकते हैं। नियामक आयोग की विश्वसनीयता भी संदेह में क्योंकि वितरण कंपनी मनमाने दाम बढ़ाने का प्रस्ताव देती है ताकि उन्हें उनकी मांग के अनुरूप दर बढ़ाने की अनुमति मिल सके। बिजली वितरण कंपनी के नुकसान के बिंदु पर कोई बात नहीं होती है। इंदौर के प्रीथमपुर में फार्मा क्लस्टर को मप्र शासन ने 3.60 रुपये प्रति यूनिट बिजली प्रदान कर रहे हैं, जबकि अन्य इलाकों के एमएसएमई में 12-13 रुपये प्रति यूनिट बिजली बेची जा रही है ये भेदभाव क्यों किया जा रहा है।
जबलपुर चेम्बर आफ कामर्स के अध्यक्ष प्रेम दुबे :
मप्र विद्युत नियामक आयोग बिजली के दाम बढ़ा रहे हैं लोग कोरोना संक्रमण की वजह से परेशान है। हम सभी यह चाहते हैं कि बिजली की बढ़ोतरी को फिलहाल एक साल के लिए रोक दिया जाए। उद्योग अभी संकटकाल से गुजर रहा है। कई उद्योगपति बिजली का बिल नहीं भर पा रहे हैं ऐसे में बिल बढ़ाना उचित नहीं है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से दखल की मांग करेंगे।
कांग्रेस नगर अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह अन्नू :
बिजली के दाम बढ़ाना अनुचित नहीं है महामारी के दौर में बिजली का दाम बढ़ाकर आम लोगों को परेशानी पैदा करने वाली है। बिजली के दाम प्रदेश में किसी कीमत में बढ़ने नहीं दिया जाएगा। इस बात को लेकर बैठक में निर्णय लिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो न्यायालय की शरण भी ली जाएगी। महाकोशल उद्योग संघ के कार्यकारी अध्यक्ष डीआर जैसवानी ने कहा कि बिजली के दाम फिलहाल नहीं बढ़ना चाहिए। मुझे लगता है कि विद्युत नियामक आयोग भी बिजली के दाम बढ़ाने की अनुमति नहीं देगा। यदि मूल्य वृद्धि होती भी है तो वह मामूली होगी। भाजपा नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर ने कहा भाजपा संगठन जनता के हित को लेकर काम करती है। बिजली के दर बढ़ना उचित नहीं है जबकि परिस्थितिक मजबूरी न हो। मुनाफा कमाने के लिए बिजली कंपनी दाम बढ़ाने का प्रयास करती है तो गलत है लेकिन जरूरत के हिसाब से बढ़ोतरी जरूरी भी है। फिर भी संगठन सरकार को इस संबंध में जनहित का ख्याल रखने की अपील करेगा।
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