आयुष मंत्री श्री कावरे ने ली अधिकारियों की बैठक निर्माण कार्यों के लिए वन एवं राजस्व विभाग की अनुमति की समीक्षा
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आयुष मंत्री श्री कावरे ने ली अधिकारियों की बैठक निर्माण कार्यों के लिए वन एवं राजस्व विभाग की अनुमति की समीक्षा

 मध्यप्रदेश शासन के आयुष मंत्री श्री रामकिशोर नानो कावरे ने आज 07 फरवरी को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर विभिन्न विभागों के प्रस्तावित निर्माण कार्यों को वन विभाग एवं राजस्व विभाग की अनापत्ति के संबंध में विस्तार से समीक्षा की।

     बैठक में कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक श्री समीर सौरव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार, वनमंडलाधिकारी श्री अभिनव पल्लव, श्री ग्रजेश वरकड़े, सिंचाई विभाग के अधीक्षण यंत्री श्री युवराज वारके, मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक श्री दीपक आड़े, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री अरूण श्रीवास्तव, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री राजीव श्रीवास्तव, ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक श्री अरविंद त्रिपाठी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यपालन यंत्री श्री ठाकुर, खनिज अधिकारी श्री सोहन सलामे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

     आयुष मंत्री श्री कावरे ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि वन एवं राजस्व विभाग की भूमि में जिन निर्माण कार्यों को कराना है उनके लिए अनुमति एवं अनापत्ति प्राप्त करने का कार्य नियमों के अनुसार शीघ्रता से कराया जाये। जिससे स्वीकृत निर्माण कार्यों को शीघ्र प्रारंभ कराया जा सकेगा और उनमें विलंब नहीं होगा। वन विभाग एवं राजस्व विभाग की अनुमति, अनापत्ति समय पर नहीं मिलने से जिले का विकास प्रभावित होता है। जिले में वन क्षेत्र अधिक होने के कारण ऐसे क्षेत्रों में सड़क, तालाब व अन्य निर्माण कार्यों के लिए वन विभाग की अनुमति की जरूरत होती है।

     मंत्री श्री कावरे ने कहा कि हमारा प्रयास होता है कि शासन से जिले में विकास कार्यों के लिए अधिक से अधिक बजट लाया जाये। अत: निर्माण विभाग एवं वन विभाग के अधिकारी आपस में समन्वय बनाकर वन क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों के लिए शीघ्रता से अनुमति जारी करें। हमारा एक ही उद्देश्य है कि जिले के विकास को तेज गति से आगे बढ़ाया जाये। इसके लिए निर्माण विभागों को भी वन एवं राजस्व विभाग से अनुमति व अनापत्ति के लिए तत्परता के साथ काम करने की जरूरत है। सिंचाई विभाग के जलाशय निर्माण के वर्ष 2018 में स्वीकृत कार्य वन विभाग की अनुमति के अभाव में अब तक प्रारंभ नहीं हो पाये है। ऐसी स्थिति अन्य विभागों के कार्यों के साथ भी हो सकती है। सभी अधिकारी इस बात की ध्यान रखें कि वन विभाग की अनुमति के लिए सर्वे आदि का कार्य तेजी से पूर्ण हो।

     बैठक में लांजी क्षेत्र के अंतर्गत टेमनी सायर 1.62 किलोमीटर सड़क निर्माण, लामता-बैहर सड़क पर जलगांव डेम के पास कार्य के लिए, बंजर संभाग के अंतर्गत पोला जलाशय के लिए 80 हेक्टेयर, मदारी डबरी जलाशय के लिए 12 हेक्टेयर, मानपुर  जलाशय के लिए के लिए 3.60 हेक्टेयर, रानी जलाशय के लिए 01 हेक्टेयर एवं मीनपुर जलाशय के लिए 12 हेक्टेयर की अनुमति वन विभाग से चाहिए। इसी प्रकार बैहर मुख्य मार्ग से तल्लाबोड़ी तक 7.30 किलोमीटर लंबाई की सड़क निर्माण, तल्लाबोड़ी से खारा तक 07 किलोमीटर सडक निर्माण के लिए खनिज विभाग को तिरोड़ी तहसील में ग्राम आगरी में डोलोमाईट के लिए 08 हेक्टेयर एवं गुदमा में मैगनीज बाक्साईट के लिए 02 हेक्टेयर की अनुमति चाहिए। ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को नक्सल प्रभावित क्षेत्र की 28 सड़कों के कार्य के लिए एवं मनरेगा के अंतर्गत तालाब, सीपीटी, कंटूर ट्रेंच, सुदूर सड़क आदि के 96 कार्यों के लिए वन विभाग से अनुमति की जरूरत है।

     कलेक्टर डॉ मिश्रा ने बैठक में कहा कि निर्माण कार्यों के लिए वन एवं राजस्व विभाग से अनुमति की प्रक्रिया को गति प्रदान की जायेगी और इसकी सतत समीक्षा की जायेगी। जिससे कोई भी कार्य वन विभाग की अनुमति के कारण लंबित न रहें। पुलिस अधीक्षक श्री समीर सौरव ने पितकोना से लांजी सड़क का भी डीपीआर तैयार करने की आवश्यकता बताई।





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