विदिशा, दिनांक सात फरवरी 2022
आत्मा परियोजना का लाभ लेकर कृषक सरसों की खेती कर लाभान्वित हो रहे हैं। उन्हें पूर्व की अपेक्षा सरसों की खेती कर अधिक मुनाफा हासिल हो रहा है। विदिशा जिले की गंजबासौदा तहसील के रजोदा ग्राम निवासी कृषक श्री वीरसिंह जाटव पूर्व में साधारण कृषि करते थे। पानी की कम उपलब्धता होने के चलते चना फसल की बुआई साधारण पद्धति से की जाती थी। जिसमें अधिक कीड़े व रोगों को नियंत्रण करने में अधिक दवा का खर्च लगता था और मुनाफा भी कम होता था।
इसके बाद कृषक श्री वीरसिंह जाटव आत्मा परियोजना के अधिकारी श्री सूर्यभान सिंह थानेश्वर के संपर्क में आए। परियोजना अधिकारी के द्वारा गांव में प्रशिक्षण आयोजित कर उपस्थित कृषकों को सरसों फसल की नवीन तकनीकी की जानकारी के साथ अन्य जानकारी से अवगत कराया था।
कृषक श्री वीरसिंह जाटव ने वर्ष 2019-20 में एक एकड़ में सरसों फसल की बुआई की। जिसमें बीज व उर्वरक की उचित मात्रा प्रयोग की गई। सरसों की फसल उगाने में खेत की तैयारी, बीज, उर्वरक 01 सिंचाई, दवा और अन्य खर्चे मिलाकर कुल लागत औसतन 10 से 12 हजार प्रति एकड़ (सरसों की फसल में कम मात्रा में बीज व उर्वरक, एक सिंचाई फसल बुवाई के 35 दिन की अवस्था पर, उचित समय पर बुवाई करने से कीट व रोगों का प्रकोप हुआ जिसके कारण लागत भी कम आई। सरसों की फसल में विशेष तौर पर पशुओं के प्रकोप से भी नुकसान नहीं हुआ और सरसों की फसल की कुल उपज 8.25 कुं प्रति एकड़ जिससे कुल आय रुपए 30 हजार 112 रुपये और शुद्ध आय 18 हजार 112 रुपये प्राप्त हुई। सरसों की फसल को अन्य कृषकों ने भी पसंद किया और अगले वर्ष लगाने के लिए प्रेरित हुए हैं। कृषक श्री वीरसिंह जाटव ने शासन की योजना आत्मा परियोजना और अधिकारियों को धन्यवाद दिया है।
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