भुगतान किया गया है। आपदा के समय आरबीसी 6(4) के तहत साढ़े 10 हजार करोड़ का मुआवजा दिया गया है।
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भुगतान किया गया है। आपदा के समय आरबीसी 6(4) के तहत साढ़े 10 हजार करोड़ का मुआवजा दिया गया है।

भुगतान किया गया है। आपदा के समय आरबीसी 6(4) के तहत साढ़े 10 हजार करोड़ का मुआवजा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी किसानों की लगातार चिंता कर रहे हैं। किसानों के कल्याण के लिए नवाचार कर अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। म.प्र. में सिंचाई का रकबा लगातार बढ़ाया जा रहा है। अभी 43 लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचाई हो रही है, आगे यह 65 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों ने अथक परिश्रम कर प्रदेश में रिकॉर्ड कृषि उत्पादन किया है। फलस्वरुप म.प्र. कृषि के क्षेत्र में देश में नंबर वन है। श्री चौहान ने कहा कि इंदौर के बरलई में अपेरल रेडिमेड गारमेंट पार्क बनाया जाएगा, जिसमें लगभग एक हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा। इससे लगभग 12 हजार लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। उन्होंने उपस्थित किसानों को अपने-अपने गांव में स्वच्छता रखने, गौरव दिवस मनाने तथा जन्मदिन पर पेड़ लगाने का संकल्प दिलवाया।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आज हर किसी की जुबान पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लाभ मिलने की बात है। किसानों को संकट के समय उनकी भरपूर सहायता की गई है। किसानों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाया जाएं, यह प्रधानमंत्री श्री मोदी की सोच और उनका संकल्प है, जिसे साकार करने के लिए पुरजोर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी सदैव गांव-गरीब-किसानों की चिंता करते है और उन्हीं के प्रयासों से अब किसानों को मिलने वाली धनराशि में अमानत में खयानत नहीं हो रही है। देश के साढ़े 11 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 1.82 लाख करोड़ रूपये सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जाना बहुत बड़ी बात है। इसी तरह, एमएसपी की राशि भी सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाती है।
श्री तोमर ने कहा कि देश-प्रदेश में जैविक कृषि उत्पादन व निर्यात लगातार बढ़ रहा है। जैविक उत्पादों के दाम भी किसानों को अच्छे मिल रहे हैं। म.प्र. में जैविक खेती का रकबा बढ़ने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्री तोमर ने कहा कि राज्य में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कारगर प्रयास किए जा रहे हैं, फलस्वरूप जैविक खेती के क्षेत्र में म.प्र. देश में अव्वल है। उन्होंने कहा कि खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए जरूरी है कि खेती की लागत कम की जाए, किसानों को उनके उत्पादन का वाजिब दाम मिले और खेती-किसानी के लिए आधुनिक उपकरण और टेक्नालाजी का उपयोग किया जाए। इस दिशा में म.प्र. में दृढ़ संकल्प के साथ कार्य किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कृषि मेला व ड्रोन प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया तथा कुछ किसानों को पालिसी सौंपी और कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) से जुड़े किसानों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। प्रारंभ में पीएमएफबीवाय के सीईओ व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने संबोधित किया। कार्यक्रम में इंदौर व देवास जिले के हजारों किसान उपस्थित थे। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि श्री कृष्णमुरारी मोघे, श्री महेंद्र हार्डिया, श्री रमेश मेंदोला, श्रीमती मालिनी गौड़, श्री आकाश विजयवर्गीय, श्री सुदर्शन गुप्ता, सुश्री कविता पाटीदार, श्री नरेंद्र राजपूत, श्री मनोज पटेल,  श्री सावन सोनकर, श्री राजेश सोनकर, श्री गौरव रणदिवे, श्री दर्शन सिंह, श्री देवराजसिंह परिहार, श्री कंचन सिंह





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