
राजधानी में बढ़ते कुत्तों का आतंक पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नाराजगी जताई है। इस मामले में सीएम ने कलेक्टर अविनाश लवानिया और नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी को भी तलब किया है। बागसेवनिया इलाके में शनिवार को 4 साल की बच्ची पर आवारा कुत्तों के हमले किया था। घटना के बाद मानव अधिकार आयोग भी हरकत में आया। आयोग ने निगम कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है। सोमवार को निगम रिपोर्ट सौंपेगी। निगम अफसरों का दावा है कि 2 महीने में 1600 से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है।
भोपाल में कुत्तों की नसबंदी पर 5 साल में पौने 7 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इस दौरान एक लाख 4 हजार से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी की गई। बावजूद इनका कुनबा बढ़ रहा है। गेहूंखेड़ा, कोलार, अवधपुरी, बाग मुगालिया, बागसेवनिया, जहांगीराबाद, एमपी नगर, तलैया, शाहपुरा, माता मंदिर क्षेत्र, पंचशील नगर समेत कई इलाकों में कुत्तों के शिकार के मामले भी बढ़ गए हैं। रोजाना निगम अधिकारियों तक शिकायतें भी पहुंच रही हैं।
घटना पर दुख जताया
मासूम बच्ची पर डॉग अटैक का मामला सांसद और पीपुल्स फॉर एनिमल की चेयरपर्सन मेनका गांधी के पास भी पहुंच गया है। इस संबंध में उन्होंने सीएम से चर्चा करने को कहा है। वहीं, कई सवाल भी उठाए हैं। घटना पर उन्होंने दुख भी जताया है।
एक साल बाद तय हुई एजेंसी
नवंबर 2021 में नई एजेंसी तय हुई। एनजीओ नवोदय संस्था के जरिए नवंबर में 783 और दिसंबर में 836 कुत्तों की नसबंदी की गई है। नवंबर 2020 में नसबंदी करने वाली संस्था का अनुबंध समाप्त हो गया था। रेट में अंतर आने के कारण एक साल तक एजेंसी फाइनल नहीं हो पाई थी। इस कारण कुत्तों की नसबंदी नहीं की गई। शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती गई।
पीछे दौड़ते हैं कुत्ते, दुर्घटना का डर
शहर के कई क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की संख्या अधिक है। ये दुर्घटना की वजह भी बनते हैं। कोलार में चूना भट्टी चौराहे से बैरागढ़-चीचली तक दर्जनों कुत्ते सड़क पर मंडराते रहते हैं। कई बार ये बाइकों के काटने के लिए दौड़ लगाते हैं। इससे हड़बड़ाहट में कई वाहन चालक गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं। कॉलोनियों में यही स्थिति बन रही है।
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