बैतूल. भारत में लिंगानुपात में अब तेजी से सुधार हो रहा है. इसकी वजह है समाज की बदलती सोच और वो लोग जो बेटियों के प्रति समाज की सोच को बदलने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. ऐसी ही एक टीम मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में सक्रिय है. ये टीम बेटियों का महत्व समझाने के लिए साल के पहले दिन जन्म लेने वाली बेटियों को सोने और चांदी के लॉकेट देकर उनका और उन्हें जन्म देने वाली मां का सम्मान करते हैं. बैतूल के जिला अस्पताल में 31 दिसंबर 2021 की रात 12 बजे से 1 जनवरी 2022 की दोपहर तक 23 बेटियों का जन्म हुआ.
बेटियों के जन्म पर एक सकारात्मक माहौल बने इसके लिए बैतूल में एक टीम सक्रिय है जिसमें शिक्षक, व्यापारी और समाजसेवी शामिल हैं. ये टीम साल के पहले दिन जन्म लेने वाली बेटियों को सोने और चांदी के लॉकेट देकर उनका सम्मानजनक स्वागत करती है. इस बार भी इस टीम ने 3 बेटियों को सोने के और 20 बेटियों को चांदी के लॉकेट देकर उनका और उन्हें जन्म देने वाली माता का सम्मान किया.
बेटे की चाहत में जिन महिलाओं ने दोबारा बेटी को जन्म दिया उनकी सोच भी इस सम्मान को पाकर बदल गई है. अब वो खुश हैं कि उन्होंने दोबारा एक बेटी को ही जन्म दिया है. वहीं कुछ महिलाओं के लिए ये एक सरप्राइज था जो बेटी के जन्म पर उन्हें इस तरह से सम्मानित किया गया.
‘बेटी बचाओ , बेटी है तो कल है’ जैसे स्लोगन हर सरकारी इमारत और चौक चौराहों पर लिखे नजर आते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, लड़कियों के जन्म को लेकर लोगों की धारणा बदलने में बैतूल में कुछ लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं जिससे कई लोगों की सोच बदली है.
जब बेटियों के जन्म पर इस तरह उनका स्वागत होगा तो जाहिर है लिंगानुपात पर इसका असर दिखेगा ही. राष्ट्रीय स्तर पर अब लिंगानुपात 943 तक पहुंच गया है जिसके पीछे वजह है समाज की बदलती सोच और हर क्षेत्र में बेटियों की ऊंची उड़ान. अगर बेटियों के जन्म पर यूं ही हर माता पिता खुशियां मनाएं तो वो दिन दूर नहीं जब आने वाला कल बेटियों का ही होगा.
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