भीलवाड़ा. भीलवाड़ा जिले में गुरु-शिष्य परंपरा (Teacher-Student Tradition) का हाल ही में अनूठा नजारा देखने को मिला है. शाहपुरा जिले के शाहपुरा के अरवड़ गांव में टीचर और स्टूडेंट्स के बीच आत्मीय प्रेम का यह उदाहरण मिसाल बन गया है. यहां शनिवार को एक शिक्षक के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें बेहद अनोखे और रोचक तरीके से विदाई (Farewell) दी गई. टीचर के सेवानिवृति पर उन्हें हाथी पर बिठाकर पूरे गांव में उनकी बिंदोली निकाली गई. इसमें पूरा गांव शामिल हुआ.

इतना ही नहीं शिक्षक के सम्मान में बाद में शाम को गांव में कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया है. टीचर की इस विदाई को जिसने भी देखा और इसके बारे में सुना वह हैरान रह गया. सभी ने शिक्षक के कार्यों की सराहना की. टीचर की हाथी पर निकाली गई बंदोली के बाद पूरे जिले में इसकी चर्चा जोरों पर है.

20 साल से इस स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहे थे
दरअसल 31 दिसंबर को भीलवाड़ा शाहपुरा के अरवड़ गांव के सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक भंवरलाल शर्मा के सेवानिवृति का स्कूल में कार्यक्रम रखा गया था. भंवरलाल पिछले 20 साल से इस स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहे थे. 8 माह पूर्व इनका तबादला इसी स्कूल के अधीन आने वाली सरदारपुरा स्कूल में हो गया था. उसके बाद अब भंवरलाल शर्मा सेवानिवृत्त हो गये.

ग्रामीणों ने इसलिये यादगार विदाई देने की ठानी
लंबे समय तक अरवड़ स्कूल में रहने के कारण यहां के स्टूडेंट्स और ग्रामीणों का भंवरलाल शर्मा से रिश्ते काफी आत्मीय और प्रगाढ़ हो गये. इसके कारण गांव वालों ने भंवरलाल शर्मा की सेवानिवृत्त पर उनको यादगार विदाई देने की ठानी. इसी के चलते शनिवार को ग्रामीणों और उनके स्टूडेंट्स ने उनको भावभीनी यह अनूठी विदाई दी.

टीचर ने कम्प्यूटर शिक्षा के लिये दिये 2 लाख रुपये
ऐसा नहीं है कि केवल ग्रामीणों ने ही शिक्षक भंवरलाल शर्मा का सम्मान किया. शिक्षक भंवरलाल शर्मा भी इस सम्मान से अभिभूत हो उठे. उन्होंने भी अपने स्कूल के बच्चों की कम्प्यूटर शिक्षा के लिए दो लाख रुपये भेंट किये. भीलवाड़ा जिले के छोटे गांव में हुआ यह सम्मान समारोह आज पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं सोशल मीडिया पर इसके वीडियो भी जमकर वायरल हो रहे हैं.

राजस्थान में पहले टीचर को कार भी भेंट कर चुके हैं ग्रामीण
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी राजस्थान में कई अनूठे विदाई समारोह हुये हैं. कुछ साल पहले एक अन्य टीचर को भी बड़े धूमधाम से विदाई दी गई थी. उस समय ग्रामीणों ने टीचर के सेवा कार्य और स्टूडेंट्स से उनके आत्मीयता को देखते हुये उन्हें बतौर गिफ्ट कार भेंट की थी. उस समय वह विदाई समारोह भी काफी चर्चित रहा था.